तथाकथित वामपंथी संगठन से संबंध रखने वाली एक एनजीओ संचालिका के द्वारा ‘हिन्दू विरोधी’ अजेंडा चलाने की मुहीम को उत्तराखंड पुलिस ने ध्वस्त कर दिया। इसके बाद एनजीओ संचालिका ने अपने अमेरिकी पासपोर्ट निरस्त या जब्त होने के भय से अपना ट्वीट भी डिलीट कर दिया।
डूपॉलिटिक्स (DoPolitice) की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिसमस के जरिये अपनी हिन्दू घृणा को प्रदर्शित करते हुए एनजीओ (Latika Roy Foundation) की निदेशक जो चोपड़ा मैकगॉन ने एक फेक मनगढ़ंत ट्वीट करते हुए, उत्तराखंड का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। रिपोर्ट के मुताबिक, एनजीओ संचालिका ने ट्वीट करते हुए लिखा, कि हिंदू उत्तराखंड में क्रिसमस नहीं मनाने देते है।
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Some #Hindutva folks have banned #Christmas in Uttarakhand.
We had a Christmas party at @LatikaRoyFound1 anyway. Our staff is Hindu, Muslim, Buddhist, Christian.
I thought it might be good to tell the Christmas story.— Jo Chopra McGowan (@JoChopra) December 24, 2021
जो मैकगॉन ने अपने इस झूठे ट्वीट में ‘हिंदुत्व’ को इसका कसूरवार ठहराया। एनजीओ संचालिका मैकगॉन ने ट्वीट करते हुए लिखा, कल मैं देहरादून में शॉपिंग कर रही थी। यह वही प्रदेश है, जहाँ क्रिसमस का त्योहार प्रतिबन्धित है। जिस भी दुकान पर मैं गई, जिस व्यक्ति से मिली, उसने मुझे ‘मेरी क्रिसमस’ कहा। माफ करें हिंदुत्ववादियों, भारतीय बहुत खुले विचारों और दयालु दिल के हैं, आपका नफरत का एजेंडा यहाँ सफल नहीं हो सकता।
एनजीओ संचालिका के इस झूठे दावे का उत्तराखंड पुलिस ने तत्काल खंडन किया, जिसके बाद एनजीओ की डायरेक्टर ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। उत्तराखंड पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा, कि राज्य में किसी भी स्थान पर क्रिसमस का पर्व पर बैन नहीं था। पूरे राज्य में सभी ईसाई बंधुओं ने पूरे हर्षोल्लास से इस पर्व को मनाया। आप सभी से अपील है, कि इस तरह की धार्मिक दुर्भावनाओं से ग्रसित अफवाहों पर ध्यान ना दें। यहाँ सभी का सम्मान है, जैसा भारत का संविधान कहता है।
प्रदेश में कहीं भी क्रिसमस पर्व पर बैन नहीं था। पूरे प्रदेश में सभी ईसाई बंधुओं ने बड़े हर्षोल्लास से इस पर्व को मनाया है। आप सभी से अपील है कि इस तरह की धार्मिक दुर्भावनाओं से ग्रसित अफ़वाहों पर ध्यान न दें। यहाँ सभी धर्मों का सम्मान है, जैसा भारत का संविधान कहता है।
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) December 28, 2021
डूपॉलिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, मैकगॉन NGO लतिका रॉय ग्रुप की मालकिन है। हिन्दू घृणा के चलते अब एनजीओ संचालिका की भारत की नागरिक भी संदेह के घेरे में आ गई है। वहीं महिला के पति रवि चोपड़ा 2018 में पर्यावरण और हिमालयी पारिस्थितिकी पर प्रभाव का हवाला देते हुए आलवेदर रोड परियोजना को कोर्ट में चुनौती दे चुके है। हालाँकि 14 दिसम्बर को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्र सुरक्षा और सुरक्षा बलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस परियोजना को हरी झंडी दे दी थी।