भारतीय जनता पार्टी के उन्नाव संसदीय क्षेत्र से सांसद साक्षी महाराज द्वारा धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण के मामले में संत समाज पर दर्ज मुकदमों पर कड़ी आपत्ति जताई है। साक्षी महाराज ने कहा, कि इमाम बुखारी और असदुद्दीन ओवैसी जब भड़काऊ और विवादित टिप्पणी करते है, तो उन किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होती है। उन्होंने कहा, कि देश में सभी के लिए कानून बराबर है।
ऋषिकेश प्रवास के दौरान रेलवे रोड स्थित श्री भगवान भवन में सांसद साक्षी महाराज ने मीडिया के लोगों से बातचीत के दौरान कहा, कि धर्म संसद प्रकरण में संतो पर दर्ज मुक़दमे यथाशीघ्र वापस होने चाहिए। साक्षी महाराज द्वारा कहा गया, कि भारत का संविधान नागरिको के लिए बराबर है। यदि कोई गलती करता है, तो वो निश्चित रूप से गलत है।
साक्षी महाराज ने कहा, कि एआईएमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के सार्वजनिक मंच से 15 मिनट की अवधि के पुलिस को हटाने पर बहुसंख्यक समाज को देखने की चुनौती देते है। असदुद्दीन ओवैसी बहुसंख्यक समाज को चेतावनी देते हुए कहते है, कि सीएम योगी आदित्यनाथ मठ में चले जाएंगे, और नरेंद्र मोदी पहाड़ो पर चले जाएंगे, तो फिर तुमको बचाने कौन आएगा।
साक्षी महाराज ने कहा, कि बहुसंख्यक समाज को इस प्रकार की चेतावनी देना उचित नहीं है, लेकिन भड़काऊ और विवादित भाषण देने पर इन नेेताओं पर कोई विधिक कार्यवाही नहीं होती है। साक्षी महाराज ने कहा, किन्तु धर्मसंसद के आयोजन में शामिल हुए संत जो राजनीति विचारधारा से संबंध नहीं रखते उनके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया जाता है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी महाराज ने कहा, कि असदुद्दीन ओवैसी जैसे कई लोग इसी राष्ट्र में सार्वजनिक तौर पर खुलेआम हिंदुओं को चुनौती देते है, देश का सांप्रदायिक सौहार्द को खराब करते है, मगर उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती। लेकिन “अहिंसा परमाे धर्म” और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को मानने वाले हिंदू संत और महात्माओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाना निंदनीय है।
जानें- संतों पर दर्ज मुकदमे पर क्या बोले साक्षी महाराज, धर्म संसद में भड़काऊ भाषण पर फाइल हुए थे केस#SakshiMaharaj #DharmaSansad https://t.co/RhxOE8HwuE
— Dainik Jagran (@JagranNews) January 12, 2022
साक्षी महाराज ने कहा, कि संतों की जुबान कड़वी अवश्य हो सकती है, किन्तु वे हिंसा का समर्थन नहीं करते है। उन्होंने कहा, कि मैं केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से इस विषय में वार्ता करुंगा और संतों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे सम्मान सहित वापस लेने की अपील करुंगा।