तमिलनाडु के तिरुकट्टुपाली क्षेत्र में 12वीं की छात्रा ने स्कूल प्रबंधन के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लिया। मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कूल पर आरोप है, कि स्कूल प्रबंधन छात्रा पर ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए दवाब डाल रहा था। जब छात्रा ने इस बात से इंकार किया, तो स्कूल प्रशासन ने छात्रा को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इस उत्पीड़न से तंग आकर छात्रा ने खुदकुशी कर ली।
पढ़ाई जारी रखने के लिए ‘धर्मान्तरण’ का बनाया दबाब
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्कूल प्रबंधन ने छात्रा को चेतावनी देते हुए कहा था, कि यदि वह स्कूल में अपनी पढ़ाई को आगे भी जारी रखना चाहती है, तो उसे ईसाई धर्म स्वीकार करना होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रा पिछले पाँच वर्षों से सेंट माइकल गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। छात्रा द्वारा अपना धर्म परिवर्तन करने पर असहमति जताने पर नाराज स्कूल प्रबंधन ने पोंगल पर्व के लिए उसकी छुट्टी के प्रार्थना पत्र को भी अस्वीकार कर दिया था।
छुट्टियों पर घर जाना चाहती थी छात्रा
बताया जा रहा है, कि छात्रा पोंगल के पर्व पर छुट्टियों मानाने अपने घर जाना चाहती थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने छात्रा को प्रताड़ित करने के लिए टॉयलेट की सफाई, बर्तन धुलने और भोजन पकाने जैसे कार्यो के लिए जबरन मजबूर किया। स्कूल प्रबंधन के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर छात्रा ने स्कूल के गार्डन के उपयोग में लाये जाने वाले कीटनाशक पदार्थ का सेवन कर लिया।
85 फीसदी जहर फेफड़ो में फ़ैल चूका था
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 9 जनवरी की रात को छात्रा की तबियत बिगड़ने के बाद स्कूल प्रबंध उसे स्थानीय क्लिनिक पर ले गया।। इसके बाद छात्रा के माता पिता को उसे घर ले जाने के लिए सूचित किया गया। छात्रा के परिजनों ने उसे तंजौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंभीर अवस्था में दाखिल कराया। आईसीयू में भर्ती छात्रा के लगभग 85 प्रतिशत फेफड़े में जहर पहुँच चुका था। रिपोर्ट के अनुसार,19 जनवरी, 2022 के दिन छात्रा ने देह त्याग दी।
सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, वीडियो
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल वीडियो में बेहोशी की हालत में छात्रा अपने साथ हुए अत्याचारो के बारे में जानकारी दे रही है। इस वीडियो को तमिल भाषा में रिकॉर्ड किया गया है। इसका अनुवाद द कम्यून ने किया है, इस वीडियो में कहा गया है, “मेरा नाम लावण्या है। उन्होंने (स्कूल) मेरे माता-पिता से मेरी उपस्थिति में पूछा था, कि क्या वे मुझे ईसाई धर्म में परिवर्तित कर सकते हैं और इसके बदले वे आगे की पढ़ाई के लिए सहायता कर सकते है। चूँकि मैंने हामी नहीं भरी, इसलिए वे मुझे डाँटते रहे।” छात्रा ने इस दौरान राचेल मैरी का नाम भी लिया, जिसने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया था।
EXTREMELY SHOCKING: "They (school) asked my parents in my presence, if they can convert me to Christianity, they would help her for further studies. Since I didn’t accept, they kept torturing me. – Statement of a girl who committed suicide (1/n) pic.twitter.com/HPxkU8MpFL
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) January 20, 2022
स्कूल के विरोध में उठाने लगे है स्वर
इस घटना से क्षुब्ध छात्रा के परिजनों ने बीती 17 जनवरी को तिरुकट्टुपल्ली पुलिस थाने के समक्ष स्कूल के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की माँग को लेकर प्रदर्शन किया था। परिजनों ने हॉस्टल वार्डन सगयामरी पर छात्रा पर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया। घटना के संज्ञान में आते ही हिंदू संगठनों ने छात्रा को इंसाफ दिलाने और हिंदुओं के धर्मांतरण के विरुद्ध आवाज बुलंद की।
इंदु मक्कल काची संगठन के संस्थापक अर्जुन संपत ने ट्विटर के माध्यम से छात्रा के निधन की खबर दी, और स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए।
A Christian School trys to convert a student and she attempts suicide… Listen to what the Padres have done…. pic.twitter.com/S3fg3iWczH
— Indu Makkal Katchi (Offl) ?? (@Indumakalktchi) January 19, 2022
विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश प्रवक्ता अरुमुगा कानी ने कहा, कि विश्व हिंदू परिषद तब तक चैन से नहीं बैठेगा, जब वह छात्रा को इंसाफ नहीं मिल जाता। परिषद ने घटना के विरोध में 19 जनवरी को तंजावुर जिला सचिव मुथुवेल के नेतृत्व में भूख हड़ताल की। इस दौरान उन्होंने कहा, कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा, कि इस प्रकार की घटनाएँ दोबारा घटित ना हों।