चंद्रमा की धरती पर नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने (20 जुलाई 1969) के दिन अपोलो 11 मिशन के तहत पहला कदम रखा था। चंद्रमा पर पहला कदम रखने के दौरान नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने कहा था, ‘ये मानव के लिए छोटा कदम है, मगर मानवता के लिहाज से एक बड़ी छलांग है। अपोलो मिशन 11 के बाद अंतरिक्ष में मानव बस्ती बसाने के लिए वैज्ञानिक नए नए आविष्कार कर रहे है। इसी क्रम में अब टोयोटा कंपनी चंद्रमा पर दौड़ने वाले वाहनों का निर्माण करने जा रही है।
टोयोटा कंपनी ने स्पेस एजेंसी ‘जाक्सा’ के साथ मिलाया हाथ
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लैंड क्रूजर वाहन का निर्माण करने वाली टोयोटा कंपनी ने जापानी स्पेस एजेंसी के संयुक्त उपक्रम में साथ मिलकर चाँद की सतह का पता लगाने के लिए ‘लूनर क्रूजर’ नाम से एक विशेष वाहन तैयार किया है। टोयोटा की ‘लूनर क्रूजर’ परियोजना के चीफ ताकाओ सातो ने कहा, हम अंतरिक्ष को इस दशक में होने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तन के एक क्षेत्र के तौर में देखते हैं। उन्होंने कहा, कि कंपनी अंतरिक्ष के लिए ऐसी संचार और अन्य तकनीक विकसित करना चाहते है, जो मानव के विकास के लिए अमूल्य साबित हो।
लैंड क्रूजर मॉडल के तर्ज पर इसका नाम ‘लूनर क्रूजर’ रखा
जापानी टोयोटा कंपनी ने अपनी लोकप्रिय एसयूवी लैंड क्रूजर मॉडल के तर्ज पर इसका नाम ‘लूनर क्रूजर’ रखा है। इस वाहन के डिजाइन और जरुरी तकनीकी के लिए कंपनी ने जापानीज एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन संस्था (जाक्सा) के साथ हाथ मिलाया है। टोयोटा कंपनी का मकसद इस कार के जरिए साल 2040 तक मानव को चंद्रमा पर रहने में सहायता करना है।
Toyota and Japan Aerospace Exploration Agency (JAXA) are working together on the 'Lunar Cruiser'. The name of the vehicle for exploring the lunar surface is a homage to the vehicle company’s Land Cruiser
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— BreezyScroll (@BreezyScroll) January 28, 2022
लूनर क्रूजर परियोजना के चीफ ताकाओ सातो ने कहा, कि जिस प्रकार लोग सामान्य कारो में सुरक्षित तरीके से खाना-पीना, सोना और आपस में बातचीत कर सकते है, उसी प्रकार चाँद के वातावरण में इस लूनर क्रूजर वाहन में ये सभी गतिविधियां संभव हो सकेगी। उन्होंने बताया, कि चंद्रमा मिशन के बाद कंपनी ने इस वाहन को मंगल ग्रह पर भेजने का लक्ष्य रखा है। गौरतलब है, कि जैक्सा और टोयोटा के बीच 2019 में चंद्रमा मिशन पर संयुक्त रूप में कार्य करने को लेकर समझौता हुआ था।
नासा का इस दशक के अंत तक चाँद पर न्यूक्लियर प्लांट स्थापित करने का प्रयास
वहीं अमेरिकन स्पेस कंपनी नासा ने भी कुछ महीनों पहले चाँद पर मानव बस्ती बसाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस दशक के अंत तक चन्द्रमा पर न्यूक्लियर ऊर्जा संयंत्र लगाने का ऐलान किया है। करीब दो वर्ष पहले नासा ने घोषणा की थी, कि उसके शोधकर्त्ताओं को चंद्रमा की सतह पर पानी होने के निर्णायक सुबूत मिले है। चाँद की सतह पर पानी के अणुओं के मिलने की पुष्टि के बाद नासा की चाँद पर बेस बनाने की योजना को लेकर भी उम्मीदें बढ़ी है।