‘पद्मावत’ की औसत सफलता के बाद कभी मुंबई फिल्म जगत (बॉलीवुड) में नंबर वन एक्टर्स माने जाने वाली दीपिका पादुकोण का ग्राफ लगातार नीचे गिरता रहा। सामाजिक मुद्दों पर बनी ‘छपाक’ के बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम हो जाने के बाद हालिया रिलीज ‘83’ फिल्म भी बुरी तरह फ्लॉप हो गयी। अब दीपिका पादुकोण की नई फिल्म ‘गहराइयां’ धर्मा प्रोडक्शंस की पहली एडल्ट फिल्म है, जिसमें कलाकारों के शारीरिक भावो को प्रदर्शित करने के लिए फूलों के टकराने के बजाय समंदर की लहरों का सहारा लिया गया है।
घिसेपिटे फॉर्मूले ‘जंग और मोहब्बत में सब जायज’ पर आधारित
दीपिका पादुकोण की नई फिल्म ‘गहराइयां अंग्रेजी की घिसीपीटी कहावत, कि जंग और मोहब्बत में सबकुछ जायज पर आधारित है, इस फिल्म में प्यार के साथ फरेब, धोखा, मानवीय संबंधो में उलझने की कहानी को निर्देशक शकुन बत्रा ने अपने नजरिये से कहने की कोशिश की है। शकुन बत्रा ऐसे फिल्म निर्देशक है, जिनकी फिल्म में कुछ भी संभव है। हिंदी में बात करने से परहेज करने वाले शकुन बत्रा स्वयं मानते हैं, कि फिल्म ‘गहराइयां’ को बनाने का उनका विचार एक दशक पुराना है।
OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है फिल्म
‘गहराइयां’ फिल्म को थिएटर में रिलीज ना कर पाने की वजह से (OTT) प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया है। इस फिल्म में योग प्रशिक्षक (दीपिका पादुकोण) और उनके लेखक बॉयफ्रेंड (धैर्य करवा) की अटक अटककर आगे बढ़ती जिंदगी को दिखाया गया है। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहते है। अलीशा (दीपिका) के लिव इन पार्टनर ने उपन्यास लिखने के लिए जॉब छोड़ दी है, इसलिए अब रोजमर्रा के घर खर्च की जिम्मेदारी अलीशा के कंधो पर आ गयी है।
अपने करियर और लाइफ से नाखुश अलीशा अपना एक ऐप लॉन्च करना चाहती है। ऐसे में अलीशा की जिंदगी में उसकी चचेरी बहन का मंगेतर जेन आता है। मंगेतर जेन अमेरिका में रहता है, और बेहद अमीर है। अलीबाग में छुट्टियां बिताने के दौरान अलीशा और मंगेतर जेन (सिद्धांत चतुर्वेदी) एक दूसरे के करीब आते है। अलीशा और जेन का प्रेम संबंध में महत्वकांक्षाए और ऐशोआराम के प्रति अधिक आकर्षण दिखता है।
फिल्म के निर्देशक शकुन बत्रा नहीं संभाल पाए कहानी
अलीशा और मंगेतर जेन के संबंधो के परिणामस्वरूप अलीशा गर्भवती हो जाती है, और जेन को भी बिजनेस में भारी नुकसान होता है। इसके बाद फिल्म की कहानी लालची और स्वार्थी जेन और अलीशा की बेवफाई का राज खुलने तक घिसटती रहती है। फिल्म में बेवफाई का राज खुलने के बाद निर्देशक कहानी को संभाल नहीं पाए और अंत में कहानी बिखर जाती है। फिल्म निर्देशक शकुन बत्रा शुरू से ऐसी फिल्में को बनाते आ रहे है, जिनका भारत से लेना देना नहीं होता है।
‘गहराइयाँ’ कामसूत्र के टीवी विज्ञापन का एक विस्तार
‘गहराइयाँ’ फिल्म की पटकथा बेहद लचर है। दीपिका पादुकोण ने किरदार के संघर्ष और दर्द को परदे पर उकरने के बजाये अंतरग और चुम्बन के सहारे संबंधो की गर्माहट को प्रदर्शित किया। किरदार के साथ भावनात्मक जुड़ाव दीपिका अपने अभिनय से पैदा करने में सफल नहीं रही। फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी सिद्धांत चतुर्वेदी का अभिनय रहा। उनके चेहरे के सपाट भाव हर सीन लगभग एक जैसे ही रहते है। धैर्य करवा फिल्म में खास प्रभावित नहीं करते है, जबकि अनन्या पांडे अपने स्टारडम के सहारे बॉलीवुड की सीढ़िया चढ़ने की कोशिश कर रही है। कुल मिलाकर ‘गहराइयाँ’ कामसूत्र के टीवी विज्ञापन का एक विस्तार है।