मुंबई फिल्म जगत (बॉलीवुड) आपराधिक किरदारों को महिमामंडित करने के लिए पहले से ही बेहद बदनाम है। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित गंगूबाई काठियावाड़ी एक बायोपिक ड्रामा एक ऐसी महिला के किरदार पर आधारित है, जो लड़कियों को वेश्यावृत्ति की काली दुनिया में धकेलने के लिए बदनाम थी। फिल्म में गंगूबाई का किरदार आलिया भट्ट निभा रही है। फिल्म में आलिया भट्ट के अलावा, शांतनु माहेश्वरी गंगूबाई के पति के रोल में और अजय देवगन रहीम लाला की भूमिका में नजर आये है।
कथित महिला सशक्तीकरण के एजेंडे को फिल्म में दिखाने की कोशिश
फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने अपने कथित महिला सशक्तीकरण के एजेंडे को फिल्म में दिखाने की कोशिश की है। इस फिल्म में आलिया भट्ट प्यार में धोखा खाने वाली, फिर अपनी किस्मत से समझौता कर वेश्यावृत्ति के धंधे में उतरकर और नई लड़कियों से वेश्यावृत्ति कराकर अपना दब-दबा कायम करने वाली और एकाध सीन में रेड लाईट एरिया की महिलाओ के हक़ के लिए लड़ने वाली महिला का किरदार निभा रही है।
‘कलंक’ और ‘सड़क 2’ के बाद गंगूबाई ने भी किया दर्शको को निराश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ उस समय अस्तित्व में आई जब सलमान खान ने भंसाली की फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ में काम करने से इंकार कर दिया था। बताया जा रहा है, कि उसके बाद आनन-फानन में इस फिल्म की कहानी बुनी गई। आलिया भट्ट का यह तीसरा मौका है, जब उन्होंने ‘सड़क 2 और ‘कलंक’ के अपनी फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी’ से भी दर्शको को निराश किया है। इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन देखकर यही लग रहा है, कि आलिया भट्ट को उनकी मेहनत के बाद भी उसका वैसा फल मिलता नहीं दिख रहा, जिसकी उन्होंने उम्मीद लगाई होगी।
सेक्स वर्कर से सोशल वर्कर बनने तक के सफर
‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की कहानी मुंबई के रेड लाइट इलाके कमाठीपुरा की है, जहां साठ के दशक में एक कोठा चलाने वाली मौसी (सीमा पाहवा) के यहां एक लड़की को कोई बेच देता है। काठियावाड़ के एक सम्मानित बैरिस्टर की पुत्री गंगा (आलिया भट्ट) एक लड़के के प्रेम के चक्कर में पड़कर उसके साथ घर से भाग जाती है। उस लड़की की नियति उसे एक कोठे पर पहुँचाती है, और धीरे धीरे वो लड़की कोठे पर ही अपना ठिकाना बना लेती है।
इसके बाद गंगा कोठे की मालकिन मौसी को ही चुनौती देने लगती है। उसके बाद फिल्म में एंट्री होती है, रहीम लाला यानी अजय देवगन की जो कोठे पर एक से आदमी उस लड़की का रेप होने से बचाता है, और उस आदमी को बुरी तरह मारता- पीटता भी है। रहीम लाला के समर्थन से इलाके में गंगूबाई की भी धाक जम जाती है, मौसी की मौत के बाद गंगूबाई उस कोठे की मालकिन बन जाती है।
कोठे की मालकिन बनने के बाद गंगूबाई को राजनीती में कदम रखने का चस्का लगता है। इसके बाद उसका टकराव कमाठीपुरा के पूर्व प्रेसीडेंट रजिया (विजय राज) के साथ होता है। इसके बाद गंगूबाई इलाके के 40 साल पुराने गर्ल्स स्कूल को बचाने के लिए अभियान चलाती है, और इस मौके पर सैफी (जिम सर्भ) पत्रकार उसकी मदद करता है, और फिर एक दिन वो प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से मुलाकात करके अपनी मांग रखने में कामयाब हो जाती है।
असलियत से कोसो दूर है, फिल्म की कहानी
फिल्म का सारा दारोमदार अकेली आलिया के कंधों पर डाल दिया गया है, फिल्म की कहानी और किरदारों को असलियत से कोसो दूर रखा गया है, इसलिए आलिया का किरदार दमदार नजर नहीं आता है। अपने तथाकथित एजेंडे को फिल्म में स्थापित करने के लिए भंसाली ने असल तथ्यों को छुपाकर गंगूबाई के ड्रग तस्करी वाले रूप को गायब करके उसे सिर्फ शराब का स्मगलर ही दिखाया है। संजय लीला भंसाली ने गंगूबाई फिल्म हसन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ पर बनाई गई है।
प्रमोशन के दौरान विवाद में आयी फिल्म
अक्सर विवादों से घिरे रहने वाले संजय लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई के प्रमोशन के दौरान गंगूबाई के डॉयलॉग की नकल करते हुए एक बच्ची का वीडियो वायरल हुआ था, इस वीडियो के वायरल होने के बाद कंगना रनौत ने भी इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा था, क्या इस बच्ची को किसी सेक्स वर्कर की नकल मुँह में बीड़ी और अश्लील संवाद के साथ कॉपी करनी चाहिए? उसकी बॉडी लैंग्वेज देखिए, क्या इस उम्र में उसे इस प्रकार कामुक दिखाना उचित है? सैकड़ों अन्य बच्चे है, जिनका इसी तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
गंगूबाई का बॉक्स ऑफिस पर निराशाजनक प्रदर्शन, वहीं साऊथ की फिल्मे सुपर हिट
उल्लेखनीय है, कि आलिया भट्ट की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के एक दिन पहले रिलीज हुई दक्षिण के सुपरस्टार अजीत की तमिल फिल्म ‘वलिमै’ ने पहले दिन ही रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है। वहीं इसी फिल्म के साथ सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई सुपरस्टार पवन कल्याण की फिल्म ‘भीमला नायक’ को भी बंपर ओपनिंग मिली है। इन दोनों फिल्मों के साथ प्रदर्शित हुई बॉलीवुड की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ का पहले दिन का बॉक्स ऑफिस इन दक्षिण भारतीय फिल्मों के आधे तक भी पहुंचता नहीं दिखाई दे रहा है। हिंदी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर दक्षिण भारतीय फिल्मों का कलेक्शन बीते दो साल में बॉलीवुड की फिल्मो पर लगातार भारी पड़ता नजर आ रहा है।
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