कर्नाटक हाईकोर्ट की पीठ ने हिजाब विवाद मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए कहा, कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है, इसलिए राज्य सरकार के 5 फरवरी वाले आदेश को अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता है।
Karnataka High Court dismisses various petitions challenging a ban on Hijab in education institutions pic.twitter.com/RK4bIEg6xX
— ANI (@ANI) March 15, 2022
हिजाब विवाद मामले में फैसला सुनाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, कि स्कूल यूनिफॉर्म का सुझाव एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट ने कहा, कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई मामला नहीं बनता है। उल्लेखनीय है, कि इस मामले पर फरवरी माह में पूरे 11 दिन तक सुनवाई हुई थी। इसके बाद 25 फरवरी को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
"Prescription of school dress code to the exclusion of hijab, bhagwa, or any other apparel symbolic of religion can be a step forward in the direction of emancipation and more particularly, to the access to education"- Karnataka HC in #HijabCase
— Live Law (@LiveLawIndia) March 15, 2022
इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पीठ ने की थी। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने स्कूल-कॉलेजों में सिर ढँकने की मंजूरी मांगी थी। मुस्लिम छात्राओं ने कोर्ट में अपील की थी, कि उन्हें कक्षाओं में स्कूली यूनिफार्म के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है।