ऑस्ट्रेलिया से 29 प्राचीन पुरावशेषों (Antiquities) को भारत लाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वयं ऑस्ट्रेलिया से वापस लाई गईं इन प्राचीन मूर्तियों का निरीक्षण किया गया। जानकारी के अनुसार, ये पुरावशेष अलग-अलग काल अवधि से संबंधित है। इन पुरावशेषों में से कुछ प्रतिमाएं नौवीं से लेकर दसवीं शताब्दी ई. पूर्व की बताई जा रही है। ऑस्ट्रेलिया से भारत वापसी लाए गए पुरावशेष की 6 श्रेणियों में भगवान शिव और उनके शिष्य, शक्ति की पूजा, भगवान विष्णु और उनके रूप, जैन परंपरा, चित्र और सजावटी वस्तुओं के रूप में है।
ऑस्ट्रेलिया से लाये गए पुरावशेष विभिन्न प्रकार के बलुआ पत्थर, संगमरमर, कांस्य, पीतल, कैनवास पर बनीं मूर्तियाँ और पेंटिंग है। बताया जा रहा है, कि ये मूर्तियाँ और पेंटिंग्स राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल से संबंधित है।
PM Modi inspects the 29 antiquities which have been repatriated to India by Australia. The antiquities range in 6 broad categories as per themes – Shiva and his disciples, Worshipping Shakti, Lord Vishnu and his forms, Jain tradition, portraits & decorative objects
(Source: PMO) pic.twitter.com/vtYY1Pcs6T
— ANI (@ANI) March 21, 2022
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी विषय में जानकारी देते हुए अपने ट्विटर संदेश में लिखा, “प्राचीन भारतीय कलाकृतियों को लौटाने की पहल के लिए मैं आप को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूँ। इनमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ कई अन्य भारतीय राज्यों से अवैध तरीकों से निकाली गई सैकड़ों वर्ष पुरानी मूर्तियाँ और चित्र हैं।”
प्राचीन भारतीय कलाकृतियों को लौटाने की पहल के लिए मैं आप को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूँ।
इनमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ कई अन्य भारतीय राज्यों से अवैध तरीकों से निकाली गयी सैकड़ों वर्ष पुरानी मूर्तियाँ और चित्र हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) March 21, 2022
उल्लेखनीय है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन सोमवार (21 मार्च) से शुरू होने वाले भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे वर्चुअल समिट में हिस्सा लेंगे। इससे पूर्व दोनों राष्ट्रों के बीच 4 जून 2020 को पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन हुआ था।
इस वर्चुअल समिट में दोनों देश के प्रधानमंत्री व्यापक रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत विभिन्न स्तर पर हुए कार्यो की समीक्षा करेंगे। यह समिट भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई क्षेत्रों में नई पहल और सहयोग को भी आगे ले जाने का काम करेगा। दोनों नेता परस्पर सहयोग, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे।