यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग को 34 दिन बीत चुके है। लगभग एक महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद युद्धग्रस्त यूक्रेन में हर तरफ तबाही का मंजर फैला हुआ है, इसके बावजूद युद्ध का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला। इसी बीच रूस के रक्षा मंत्री ने नाटो संगठन को यूक्रेन की मदद करने को लेकर चेताया है। वहीं जो बाइडन की ओर से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर की गई टिप्पणी पर भी रूस ने कठोर प्रतिक्रिया दी है। हालाँकि इस भीषण युद्ध के बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का चौथा दौर आयोजित हुआ। बताया जा रहा है, कि बैठक में यूक्रेन ने अपनी कुछ शर्तों के साथ शांति प्रस्ताव पेश किया है। वहीं, रूस ने आश्वासन दिया है, कि वह राजधानी कीव और चेर्नीहीव पर कम हमले करेगा और डोनबास की आजादी पर ध्यान लगाएगा। दावा किया जा रहा है, कि यूक्रेन के साथ चल रही बातचीत में रूस अपनी तीनों मुख्य मांगों से पीछे हटने पर राजी हो गया है।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में दोनों देशों के बीच आमने-सामने की बातचीत से पहले सामने आए युद्धविराम के समझौते के प्रस्ताव में रूस की तीन प्रमुख मांगों का उल्लेख नहीं है, जिससे ये अनुमान लगाया जा रहा है, कि रूस शायद अपनी उन तीनों मांगों से पीछे हटने को तैयार हो गया है। फाइनेंशियल टाइम्स कि रिपोर्ट के अनुसार, समझौते के प्रस्ताव में रूस ने यूक्रेन में नेतृत्व परिवर्तन की बात नहीं की है, इसका अर्थ ये लगाया जा रहा है, कि रूस जेलेंस्की को यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाए रखने पर सहमत हो गया है।
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन संकट को लेकर अपने मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में बोरिस जॉनसन ने कहा, कि रूस और यूक्रेन के बीच केवल युद्ध विराम समझौता होना रूस के खिलाफ ब्रिटेन के प्रतिबंधों को खत्म करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा, कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाया जाना जरुरी है, इसके लिए रूस पर और अधिक आर्थिक प्रतिबंध लगाने होंगे और यूक्रेन को सैन्य मदद उपलब्ध करानी होगी।
उल्लेखनीय है, कि एक महीने से जारी रूस-यूक्रेन की जंग के शुरू होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था, कि उनका उद्देश्य उन रूसी भाषी बोलने वाले लोगों की रक्षा करना था, जो राष्ट्रपति जेलेंस्की के ‘नव-नाजी’ नेतृत्व के अत्याचार सह रहे है। अब सामने आए प्रस्ताव के मुताबिक, रूस यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को अपने पद पर बने रहने की अनुमति दे सकता है, अगर ऐसा होता है, तो युद्ध के शीघ्र समाप्त होने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।