गोरखनाथ मंदिर में बीते रविवार शाम पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के पीछे आतंकी साजिश की आशंका भी जताई जा रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, घटना के आतंकी लिंक से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस बीच यूपी सरकार ने मंदिर पर हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी का केस आतंकवाद-रोधी दस्ता (Anti-Terrorism Squad) को सौंप दिया गया है। हमले की घटना की विस्तृत जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है।
Not ruling out terror angle, UP govt hands over Gorakhnath Temple incident to ATS
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— ANI Digital (@ani_digital) April 4, 2022
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में सेंध लगाकर पीएसी जवानों पर हमला करने का आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अहमद अहमद मुर्तजा अब्बासी से जुड़ी कई जानकारी सामने आई है। आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी गोरखपुर के सिविल लाइन इलाके का रहने वाला है। अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 2015 में आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग की उपाधि हासिल की है। डिग्री हासिल करने के बाद अहमद मुर्तजा ने सबसे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज में काम किया और फिर उसने एस्सार पेट्रोकेमिकल्स में काम किया।
हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा के पिता मोहम्मद मुनीर कई फाइनेंस कंपनियों में लीगल एडवाइजर रहे है, जबकि मुर्तुजा अब्बासी के चाचा गोरखपुर में अब्बासी हॉस्पिटल के मालिक है। पुलिस को अब तक की जांच में कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे है, जिनके अनुसार अहमद मुर्तजा अब्बासी यू-ट्यूब के जरिए Radicalize का शिकार हुआ है। बताया जा रहा है, की आरोपी मुर्तजा अब्बासी की एक बार शादी बातचीत के दौरान टूट गई, जबकि दूसरी लड़की शादी के बाद उसे छोड़ कर चली गई।
गोरखनाथ मंदिर पर हमले की घटना के प्रत्यक्षदर्शी होमगार्ड के जवान रमेश सिंह जो हमले के दौरान घटनास्थल पर ही ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे थे। उन्होंने मीडिया को बताया, कि हमलावर बाँका (धारदार हथियार) गमछे में छिपा कर लाया था। उसने ( अहमद मुर्तजा) ने अचानक ही ड्यूटी पर तैनात दोनों जवानों पर हमला कर दिया। इस हमले से दोनों जवान घायल हो गए। इसके बाद उसने मुझ पर भी हमला करने की कोशिश की, और हथियार लहराते हुए मंदिर में जाने की कोशिश के दौरान वो पकड़ा गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अहमद मुर्तजा अब्बासी के गोरखनाथ मंदिर पर असफल हमले के बाद ATS इस हमले की कड़ियाँ जोड़ने में लग गई है। ATS उन पूर्व में मिली धमकियों का भी आपस में लिंक जोड़ रही है, जो कुछ समय के अंतराल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिली है। इसी साल 4 फरवरी को ‘लेडी डॉन’ नाम के ट्विटर हैंडल से रेलवे स्टेशन, गोरखनाथ मंदिर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इस मामले में FIR दर्ज की गई थी, लेकिन अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
इसके अलावा जिस दिन गोरखनाथ मंदिर में हमला हुआ था, ठीक उसी दिन समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक शहजिल इस्लाम ने एक वीडियो जारी कर योगी आदित्यनाथ को धमकी देते हुए कहा था, कि अगर उन्होंने उनके खिलाफ कुछ भी कहा, तो बंदूक से गोलियाँ चलेंगी। वहीं इसी साल मार्च 2022 में सोशल मीडिया पर बिजनौर के एक किशोर ने योगी आदित्यनाथ को गोली मारने की धमकी दी थी। इस मामले में भी बिजनौर पुलिस ने केस दर्ज किया था।