प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एमवे इंडिया (Amway India) एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 757.77 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अस्थाई तौर पर कुर्क कर लिया है। Amway कंपनी पर मल्टी लेवल मार्केटिंग की आड़ में पिरामिड प्लान (जनता को मेंबर बनाकर धोखाधड़ी) के जरिये जालसाजी करने के गंभीर आरोप लगे है। उल्लेखनीय है, कि Amway कंपनी ने भारत में 2002-03 से 2021-22 तक अपने बिजनेस के जरिए 27,562 करोड़ रुपए की भारी भरकम कमाई की।
Enforcement Directorate (ED) attaches assets worth Rs 757.77 crores belonging to Amway India Enterprises Private Limited, says the agency.
— ANI (@ANI) April 18, 2022
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की 757.77 करोड़ रुपये की कुर्क की संपत्तियों में तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में एमवे की जमीन और कारखाना इमारत समेत मशीनरी वाहन, बैंक खाते और सावधि जमा शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने एमवे की 411.83 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति और अन्य 36 अलग-अलग खातों में जमा 345.94 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस अटैच किया गया है।
ED ने @amwayindia की ₹757.77 करोड़ की संपत्ति मनी लॉड्रिंग कानून में अटैच की। इसमें 36 बैंकों में जमा ₹345.94 करोड़ भी शामिल है। @amwayindia सबसे पुरानी MLM(Multi Level Marketing) कंपनियों में से एक है। pic.twitter.com/LT9VLPGoa6
— Jitender Sharma (@capt_ivane) April 18, 2022
संघीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमवे इंडिया Amway India कंपनी पर बहु-स्तरीय विपणन घोटाले का आरोप लगाया है, जहां कंपनी द्वारा प्रस्तुत अधिकांश उत्पादों की कीमतें “खुले बाजार में उपलब्ध प्रतिष्ठित निर्माताओं के वैकल्पिक लोकप्रिय उत्पादों के मुकाबले में बहुत अधिक थी। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है, कि Amway कंपनी ने भारत में 2002-03 से 2021-22 तक अपने पिरामिड बिजनेस के जरिए लगभग 27,562 करोड़ रुपए की भारी भरकम कमाई की, और अपनी इसी कमाई से कंपनी ने भारत और अमेरिका में 2002-03 से 2020-21 वित्त वर्ष के दौरान अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स और मेंबर्स को 7588 करोड़ रुपए का कमीशन दिया था।
जाँच एजेंसी ने बताया, बिना असली तथ्यों को जाने बिना ही सामान्य जनता कंपनी का मेंबर बनकर एमवे के अत्यधिक कीमतों वाले उत्पाद को खरीदने के लिए प्रेरित होते है। कंपनी के झांसे में आकर भोले-भाले लोग अपनी मेहनत की कमाई खोते जा रहे है। इस कंपनी से जुड़ने वाले नए मेंबर को कंपनी के उत्पाद उपयोग करने के लिए खरीदने की बजाए इसका सदस्य बनकर अमीर बनने के लिए अपलाइन मेंबर्स द्वारा दबाब डालकर ऐसा करवाया जाता है। जबकि, असल सच्चाई ये है, कि अपलाइन मेंबर्स को मिलने वाला कमीशन इसके उत्पादों की बढ़ी कीमतों के लिए जिम्मेदार है।
एमवे कंपनी के तथाकथित अमीर अपलाइन मेंबर्स बड़ी सभाएं आयोजित कर केवल इस बात पर अधिक जोर देते है, कि कैसे इसके मेंबर बनकर दूसरे मेंबर बनाए जाते है। जबकि वास्तविक उत्पाद पर किसी भी तरह का ध्यान नहीं दिया जाता है। दरअसल मल्टी लेवल मार्केटिंग पिरामिड प्लान में विभिन प्रोडक्ट का उपयोग केवल इस प्रकार की धोखाधड़ी छिपाने के लिए किया जाता है। जानकारी के अनुसार, वर्ष 1996-97 में भारतीय बाजार में Amway 21.39 करोड़ रुपए के शेयर कैपिटल के साथ उतरी थी, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 तक कंपनी ने अपने निवेशकों और मूल संस्थाओं को लाभांश, रॉयल्टी और अन्य भुगतान के नाम पर लगभग 2,859.10 करोड़ रुपये की भारी राशि देश से बाहर भेजी है।