मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार (19 अप्रैल, 2022) को मीडिया से बात करते हुए कहा, कि दिव्य चारधाम यात्रा क्षेत्र में आने वाले संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सीएम धामी ने कहा, कि शिकायतों के आधार पर जल्द ही राज्य सरकार धार्मिक क्षेत्रों में बाहरी लोगों का सत्यापन ड्राइव भी कराएगी। सीएम धामी ने कहा, कि अब चारधाम यात्रा में आने वाले सभी यात्रियों का वेरिफिकेशन होगा।
"चारधाम यात्रा में सभी गैर हिंदुओं का वेरीफिकेशन होगा,ये पहचान धर्म व संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है" – श्री @pushkardhami pic.twitter.com/pinuLLtMRp
— Prashant Umrao (@ippatel) April 19, 2022
उल्लेखनीय है, कि पिछले दिनों संत समाज द्वारा की गई माँग के बारे में सवाल किया गया था। दरअसल साधुओं ने सरकार से अपील की थी, कि चारधाम यात्रा क्षेत्र में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक तत्काल रोक लगाई जाए। इस अहम मांग पर सीएम धामी ने जानकारी दी, कि हमारा राज्य शांत रहना चाहिए। हमारे प्रदेश की प्राचीन धर्म-संस्कृति बची रहनी चाहिए, और इस संबंध में राज्य सरकार अपने स्तर पर भी सत्यापन ड्राइव चलाएगी और सरकार का प्रयास होगा, कि कोई भी इस प्रकार का व्यक्ति उत्तराखंड के अंदर ना प्रवेश पाए, जिससे माहौल खराब हो।
जानकारी के लिए बता दें, शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष और शाम्भवी धाम पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप द्वारा इस संबंध में सीएम धामी को पत्र लिखकर कहा था, कि देवभूमि उत्तराखंड हिंदुओं की जन्मभूमि, कर्मभूमि और ऋषियों की तपस्थली है। देवभूमि की रक्षा करना उनका धर्म है। इसलिए उनकी माँग है, कि उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा के दौरान गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए। गैर हिंदुओं के चिन्हीकरण के लिए सरकार, लाइसेंस और परिचय पत्र जारी करे। इस पर सीएम धामी ने संतुलित बयान देते हुए कहा, कि सरकार के संज्ञान में यह विषय है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है, कि देवभूमि उत्तराखंड में 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही दिव्य चारधाम की यात्रा आरंभ हो जाएगी। जबकि 6 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खुलेंगे। प्रशासन द्वारा इस साल बड़ी संख्या में यात्रियों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। सीएम धामी स्वयं ये कह चुके है, कि इस बार पिछली सभी यात्राओं के रिकॉर्ड टूट जाएँगे। इसके साथ ही इस बार चारधाम की यात्रा करने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। ये पहली बार है, जब पर्यटन विभाग ने तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण को अनिवार्य किया है।