आखिरकार एक लम्बे वक्त से चली चर्चा को विराम देते हुए भाजपा संगठन ने इस राज से पर्दा उठा लिया है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किस विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगे। चम्पावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को उनके आवास पर अपना त्यागपत्र सौंपा। बता दें, कैलाश गहतोड़ी ने सबसे पहले सीएम धामी के लिए सीट छोड़ने का प्रस्ताव दिया था।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कैलाश चंद्र गहतोड़ी के इस्तीफे को स्वीकार करने की घोषणा की। उल्लेखनीय है, कि पांचवी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था,लेकिन सीएम पुष्कर धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए। चुनाव में मिली पराजय के बाद भी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने धामी पर दोबारा भरोसा जताया है।
देहरादून – चंपावत विधायक कैलाश गेहतूड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके आवास पर सौंपा अपना इस्तीफा
मुख्यमंत्री धामी के लिए छोड़ी गेहतूड़ी ने अपनी सीट
विधानसभा सचिव मुकेश सिंगल भी है विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर मौजूद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी रहे मौजूद@pushkardhami pic.twitter.com/31pnlfLuUg
— Gaurav Singh (@gauravsingh1307) April 21, 2022
वहीं सीएम धामी के लिए सीट छोड़ने वाले गहतोड़ी ने कहा, इसमें मेरा कोई स्वार्थ नहीं है, मेरी बस यही कामना है, कि धामी पांच साल तक रहे। उन्होंने कहा, कि क्षेत्र में अब सीएम धामी के कदम पड़ेंगे, तो क्षेत्र का विकास संभव हो पाएगा। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है, कि गहतोड़ी की भविष्य में क्या भूमिका रहेगी, इस पर संगठन विचार कर रहा है।
जानकारी के लिए बता दें, पांच विधानसभा चुनावों में भाजपा को चंपावत विधानसभा सीट पर तीन बार जीत मिली है। चंपावत सीट पर 2017 में भाजपा ने कैलाश गहतोड़ी ने 63 फीसदी से अधिक वोट लाकर जबरदस्त जीत दर्ज की थी। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में भी गहतोड़ी ने भगवा झंडा बुलंद किया है। 2002 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल इस सीट से चुनाव जीते। उस वक्त इस सीट पर भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। जबकि 2007 में इस सीट से भाजपा की बीना महाराना चुनाव जीती थी, और 2012 में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल इस सीट पर विजयी रहे।