टिहरी जिले में स्थित प्रसिद्ध सिद्धपीठ माता सुरकंडा मंदिर के लिए एक लंबे इंतजार के बाद रोपवे सेवा शुरू कर दी गई है। अब मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर की डेढ़ किमी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। उल्लेखनीय है, कि रोपवे नवरात्र से पहले बनकर तैयार हो गया था, लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते यह रोपवे शुरू नहीं हो पाया था। रोपवे से मंदिर तक आने-जाने का किराया 177 रुपये तय किया गया है। कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब 600 मीटर का रोपवे तैयार किया गया है।
माता सुरकंडा देवी मंदिर के लिए साल 2015-16 में पीपीपी मोड में रोपवे बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके बाद 2017 में पार्टनरशिप कंपनी ने रोपवे निर्माण का कार्य शुरू किया। सर्दियों में काम की गति धीमी रहने और कोरोना काल की वजह से निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया था। बता दें, अभी तक कद्दूखाल से माता सुरकंडा के मंदिर तक पहुंचने के लिए डेढ़ किमी की दुर्गम चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी, और इस दौरान मंदिर पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग जाता था।
सुरकंडा मंदिर में माता के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को इस दुर्गम चढ़ाई से बेहद परेशनी होती थी, विशेषकर बीमार, दिव्यांग और बुजुर्ग लोगो के लिए मंदिर की चढ़ाई चढ़ना बेहद मुश्किल था। आखिरकार बीते नवरात्र में रोपवे के निर्माण कार्य पूरा हुआ, लेकिन प्रशासनिक कार्यों की उलझन के कारण सीएम द्वारा इसका उद्धघाटन नहीं कर पाए। सिद्धपीठ सुरकंडा माता का मंदिर चंबा – मसूरी मोटर मार्ग में स्थित है।
बता दें, कद्दूखाल से माता सुरकंडा देवी मंदिर परिसर के लिए 600 मीटर का रोपवे तैयार किया गया है। सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे परियोजना में छह टावरों के सहारे 16 ट्रालियों का संचालन किया जा रहा है। प्रत्येक ट्राली में चार यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी। सभी तकनीकी पहलू की जांच के बाद सुरकंडा देवी रोपवे का अनौपचारिक शुभांरभ कर दिया गया है। इसका किराया भी अपडाउन का मात्र 177 रुपये रखा गया है। रोपवे शुरू होने पर मंदिर पहुंचने वाले भक्तों के बीच खुशी की लहर है। अब प्रत्येक दिन यात्री रोपवे से सफर कर माता के मंदिर पहुंच सकेंगे।