राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में दावा किया है, कि पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की खौफनाक क़त्ल का मुख्य साजिशकर्ता था। एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट को जानकारी दी, कि इस खेल के असली मास्टरमाइंड मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के कहने पर ही पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने यह षड्यंत्र रचा था, और मनसुख हिरेन को मरवाकर ठाणे के पास छोटी नदी में फेंक दिया।
दरअसल, रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी के घर ‘एंटीलिया’ के नजदीक विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो बरामद हुई थी और बाद में इस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की लाश ठाणे की एक क्रीक (छोटी नदी) में मिला था। एनआईए ने हाईकोर्ट को बताया, कि मनसुख हिरेन एंटीलिया विस्फोटक केस की सारी सच्चाई जान गया था। इस वजह से प्रदीप शर्मा ने उसे रास्ते से हटाने के लिए कहा था। प्रदीप शर्मा ने मामले के अन्य आरोपितों के साथ पुलिस कमिश्नर कार्यालय की इमारत में कई मर्तबा मीटिंग की थी और वहाँ मनसुख हिरेन को मारने का षड्यंत्र रचा था।
The National Investigation Agency files an affidavit in the Bombay High Court stating that former Police Officer Pradeep Sharma was the main conspirator in the murder of Thane businessman Mansukh Hiran. pic.twitter.com/3YKH5LiDJq
— All India Radio News (@airnewsalerts) May 4, 2022
एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा है, कि प्रदीप शर्मा एक आपराधिक गिरोह का एक्टिव सदस्य था, जिसने रिलायंस समूह के मालिक मुकेश अंबानी के परिवार समेत अन्य लोगों को आतंकित करने की साजिश रची थी और मनसुख हिरेन इस साजिश की सबसे कमजोर कड़ी था। इसलिए प्रदीप शर्मा ने उसका कत्ल करवा दिया। जांच एजेंसी एनआईए ने दावा किया है, कि मनसुख हिरेन को इस पूरी साजिश और आरोपी व्यक्तियों के बारे में पहले से जानकारी थी। मनसुख हिरेन की हत्या के बाद इस मामले में सचिन वाजे ने प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपए दिए थे, जो कुछ हत्यारों में बाँटे गए थे।
NIA ने कोर्ट में बताया कि ये एक बहुत बड़ी साजिश थी, जिसमें पार्किंग एरिया में विस्फोटक से भरी गाड़ी लगाने से लेकर जैश उल हिंद के नाम से धमकी भरे मैसेज भेजने तक सबकुछ शामिल था बता दें कि, 25 फरवरी, 2021 को देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटकों से लदी एक स्कॉर्पियो मिली थी। यह गाड़ी मनसुख हिरेन की थी। प्रदीप शर्मा के कहने पर सचिन वाजे ने मनसुख को इस अपराध को अपने ऊपर लेने का दबाव डाला था, लेकिन मनसुख इस बात के लिए तैयार नहीं था। इसके बाद 5 मार्च 2021 को मनसुख की लाश ठाणे के नजदीक एक छोटी नदी में मिली थी।
उल्लेखनीय है, कि इस मामले में एनआईए ने प्रदीप शर्मा को 17 जून 2021 को उसके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया था। मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे आरोपित प्रदीप शर्मा को अपना गुरु मानता था और उसी के निर्देश पर अपराधों को अंजाम देता था। प्रदीप शर्मा को नब्बे के दशक में मुंबई से अंडरवर्ल्ड के सफाए के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट नाम से कुख्यात हो गया था। बाद में उसने शिवसेना के टिकट पर विधानसभ चुनाव भी लड़ा था।