अमरावती की महिला सांसद नवनीत राणा जेल से छूटने के बाद अस्पताल में भर्ती थी, जहाँ उनका स्पोंडिलोसिस का इलाज चल रहा था। रविवार को लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज होने बाद नवनीत राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अस्पताल से बाहर आने के बाद मीडिया से बात करते हुए सांसद नवनीत राणा ने कहा, कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मैं 14 दिन तो क्या 14 वर्ष भी जेल की सजा भुगतने तैयार हूँ।
मीडिया से बात करते हुए सांसद नवनीत राणा ने कहा, मैं सीएम उद्धव ठाकरे को चुनौती देती हूँ, कि वे महाराष्ट्र की किसी भी सीट से चुनाव लड़ें और मैं उनके विरुद्ध चुनाव लड़ूंगी। उन्होंने कहा, कि ये एक धर्मयुद्ध है, और वह इसे लड़ना जारी रखेंगी। वहीं राणा दंपति सोमवार (9 मई, 2022) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। इस दौरान वे केंद्रीय गृह मंत्रालय भी जाएँगे। दिल्ली में नवनीत राणा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर पूरे मामले से उन्हें अवगत कराएंगी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने भी नवनीत राणा से मुलाकात की है।
#NavneetRana has challenged CM #UddhavThackeray to contest election against her and get elected directly by the people#HanumanChalisaRow #Maharashtrahttps://t.co/R75GPWbC23
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) May 8, 2022
उल्लेखनीय है, कि सेशन कोर्ट ने राणा दंपति को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी रखी थी। इनमें से एक शर्त यह भी थी, कि जेल से वह बाहर निकलकर वह इस मामले में मीडिया से बात नहीं करेंगे, लेकिन अब नवनीत राणा के मीडिया से बात करने और उद्धव ठाकरे को सीधी चुनौती दिए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार उनकी जमानत के खिलाफ अपील दायर करने पर विचार कर रही है।
Welcome back #Rana family#NavneetRana pic.twitter.com/K5nMi6VW8K
— Naveen Singh (@naveensinghn) May 4, 2022
महाराष्ट्र सरकार की ओर से न्यायालय में यह तर्क प्रस्तुत किया जा सकता है, कि नवनीत राणा और उनके पति ने जमानत की शर्त का उल्लंघन कर कोर्ट की अवमानना की है। इस स्थिति में राणा दंपति की जमानत को रद्द कर दोबारा जेल भेजा जाना चाहिए। उल्लेखनीय है, कि भायकला जेल से निकलने के तुरंत बाद सांसद नवनीत राणा को अस्पताल में दाखिल कराया गया था। कोर्ट में उनका पक्ष रखने वाले वकीलों ने कहा था, कि महिला सांसद का स्वास्थ्य खराब है, और यदि उनकी तबीयत और खराब होती है, तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। फिलहाल राणा दंपति बेल पर बाहर है, और अब सभी की निगाहें कोर्ट की अगली तारीख पर टिकी है।