पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में खालिस्तान समर्थित देश विरोधी तत्वों के हौसले इस कदर बुलंद है, कि बीते शनिवार की रात को देश विरोधी तत्वों ने धर्मशाला में तपोवन स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा की इमारत के प्रवेश द्वार और बाहरी दीवारों पर खालिस्तानी झंडे लगा दिए। इसके अलावा विधानसभा की दीवार पर भी पेंट से खालिस्तान लिख दिया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा भवन में खालिस्तानी झंडे लगाने के मामले में अब पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल पुलिस ने इस मामले में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू को मुख्य आरोपित बनाया है। हिमाचल पुलिस ने यूएपीए (UAPA) समेत अन्य कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस के अनुसार, आईपीसी के धारा 153-A, 153-B और यूएपीए के सेक्शन 13 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा आरोपितों को पकड़ने के लिए अंतरराज्जीय सीमा को सील कर दिया गया है। इसके लिए प्रत्येक जनपद के पुलिस अधिकारियों को सख्त आदेश दिए गए है। हिमाचल पुलिस तमाम ऐसे स्थानों पर छापेमारी कर रही है, जहाँ खालिस्तानी समर्थकों के छिपने की संभावना हो सकती है।
ADGP-CID, IG/DIG Ranges and Distt. SPs have been directed to seal all interstate borders/barriers and keep strict vigil at the places of probable hideouts, the police said in a statement
— ANI (@ANI) May 8, 2022
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा, धर्मशाला विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूँ। इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है, इसलिए यहाँ अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है। इसी का फायदा उठाकर यह कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस घटना की त्वरित जाँच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मैं उन लोगों को कहना चाहूँगा, कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएँ।
इसी का फायदा उठाकर यह कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा कि यदि हिम्मत है तो रात के अंधेरे में नहीं, दिन के उजाले में सामने आएं।
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) May 8, 2022
हालाँकि राज्य सरकार और प्रशासन की इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है, कि तपोवन स्थित विधानसभा भवन के गेट और आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा ही नहीं लगाया गया। खालिस्तान समर्थित झंडे लगाने वालों की पड़ताल के लिए पुलिस तपोवन सड़क पर अन्य जगह लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है। गौरतलब है, कि अगस्त 2021 में आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को धमकी दी थी, कि वह उन्हें 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराने देगा। आडियो संदेश में आतंकी पन्नू ने ये भी कहा था, कि पंजाब के बाद वे हिमाचल में भी कब्जा करेंगे, क्योंकि हिमाचल का कुछ इलाका पहले पंजाब का हिस्सा था।
बीते कुछ दिनों से खालिस्तान समर्थित देश विरोधी तत्वों की तरफ से लगातार धमकियाँ देने का सिलसिला बढ़ा है। यहां तक की सीएम जयराम ठाकुर समेत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को संबोधित करते हुए संदेश जनता को फोन के माध्यम से दिए जा रहे थे। इसके बाद से पंजाब से आने वाले कुछ युवक अपनी मोटरसाइकिलों व अन्य वाहनों में खालिस्तानी झंडे लगाकर आ रहे थे। जिन्हें पुलिस द्वारा उतरवाया भी जा रहा है। उसके बाद शिमला में भी खालिस्तानी झंडे लगाने से संबंधित धमकियां खुलेआम दी जा रही थी।