साइबर अपराधी अब नए -नए तरीकों से ये आम लोगों को ठगी का शिकार बना मोटी रकम उनके खाते से उड़ा रहे है। इसी क्रम में बिहार में आनलाइन गेम (ड्रीम 11) खेलकर रातोंरात करोड़पति बने एक युवक को महज चार दिनों के भीतर साइबर ठगो ने फिर से कंगाल बना दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लेदर कंपनी में मजदूरी करने वाला एक शख्स ड्रीम 11 के T 20 टूर्नामेंट में करोड़पति बन गया। जहां युवक के फर्स्ट विनर बनते ही उसके वॉलेट में 1 करोड़ 139 रूपये की भारी भरकम रकम आ गयी, लेकिन युवक की खुशियां मातम में उस वक्त बदल गई, जब साइबर अपराधियों ने उसके वॉलेट से सारे पैसे उड़ा लिए।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, छोरही गांव के रहने वाले जियाउद्दीन चैन्नई स्थित एक लेदर कंपनी में काम करता है। पढ़ाई-लिखाई के मामले में जियाउद्दीन सिर्फ अपना नाम लिख लेता है। काम के दौरान कंपनी के अन्य कर्मचारियों से उसे ड्रीम इलेवन ऑनलाइन गेम खेलने के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, और इसके बाद जियादुद्दीन ने पिछले दो महीने से Dream-11 पर टीम बनानी शुरू कर दी।
बीते 28 अप्रैल को जियाउद्दीन की किस्मत खुली और उसने एक करोड़ 139 रुपये का इनाम जीत लिया, जिसमें से टैक्स काटकर उसके वॉलेट खाते में 70 लाख 167 रुपये आए। मजदूरी करने वाले युवक का इतनी बड़ी रकम इनाम में जीतने के बाद खुशी का ठिकाना ना रहा। युवक के इनाम जीतने की खबर जब उसके गाँव वालो को लगी, तो पूरे गांव में इसकी चर्चा होने लगी। इसके बाद जियाउद्दीन फ्लाइट से गांव लौटने की तैयारी में जुट गया। जियाउद्दीन की बेगम रजीदा खातून ने तत्काल 15 हजार रुपये का प्रबंध कर अपने शौहर को गांव आने के लिए भेज दिए। बीते 30 अप्रैल को जियाउद्दीन फ्लाइट से चेन्नई से कोलकाता होते हुए बिहार अपने घर पहुंचा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद एक मई को इनाम जीतने वाले जियाउद्दीन के फोन पर एक अनजान नंबर से काल आया। फोन करने वाले ने अपना परिचय ड्रीम इलेवन के कर्मचारी के रूप में दिया। जिसने बातो में फुसला कर युवक से ओटीपी की मांग की। फोन करने वाले ने बताया, कि बैंक खाते में केवाइसी नहीं होने से वॉलेट से पैसा ट्रांसफर नहीं हो सका था। इसी दौरान जियाउद्दीन का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। जब उसने मोबाइल खोला, तो मोबाइल का सारा डाटा गायब था।
दो मई को मोबाइल ऑन होने के बाद उसने देखा कि साइबर अपराधियों ने खाते से तीन किस्तों में कुल 61.90 लाख रुपये निकाल लिए है।इसके बाद जियाउद्दीन के वॉलेट में सिर्फ आठ लाख नौ हजार 785 रुपये शेष बच गए। इसके बाद एक बार फिर साइबर ठगो ने युवक को फोन कर ओटीपी माँगा, लेकिन सबकुछ लुटा के होश में आये जिददुदीन ने इस बार ओटीपी का नंबर बताने से इंकार कर दिया। बताया जा रहा है, इसके बाद उनका वॉलेट ब्लॉक हो गया। थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया, कि उनके पास शनिवार शाम को यह मामला आया। मामला स्पष्ट होते ही समुचित कार्रवाई की जाएगी।