चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग के नाम साइबर ठगी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है। साइबर अपराधी हेलीकॉप्टर बुकिंग के साथ ही वीवीआईपी दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी कर रहे है। जबकि, धामी सरकार ने चारो धामों में वीआईपी दर्शन और विशेष पूजा का विकल्प समाप्त कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस बुकिंग के झांसे में साइबर ठगी के कई मामले देशभर से सामने आ चुके है।
हिंदुस्तान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने जानकारी दी, कि केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस के नाम पर साइबर ठगी की तीस से अधिक शिकायतें मिली है। साइबर ठगी के शिकार अधिकतर पीड़ित तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक, जैसे दूर-दराज के प्रदेशों के है। श्रद्धालु गुप्तकाशी तो पहुंच रहे है, तो यहां फर्जी टिकट होने पर उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन अधिकांश पीड़ित इससे मना कर रहे है। उन्होंने बताया, कि पुलिस ने अपने स्तर पर तीन लोगों के मुकदमे पंजीकृत कराए है। इसके जरिए साइबर ठगों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार देहरादून के पंडितवाड़ी निवासी मनोज कुमार गुप्ता के परिजनों को केदारनाथ धाम जाना था। गूगल पर सर्च करने पर बुकिंग साइट पर दर्ज एक फोन नंबर पर संपर्क करने पर उन्हें झांसा दिया गया, कि केदारनाथ के लिए चालू हेलीकाप्टर सर्विस की तीस फीसदी बुकिंग उनके पास है। पीड़ित को 26 यात्रियों की टिकट बुक करानी थी। इसलिए उन्होंने प्रति यात्री किराया 4620 रुपये के हिसाब से टिकट के 1.17 लाख रुपये का भुगतान किया। इसके बाद जब दोबारा प्रति यात्री 1120 रुपये और मांगे गए, तब पीड़ित को आभास हुआ, कि वे ठगी के शिकार हो गए है। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इसके अलावा देहरादून के तिलक रोड निवासी प्रशांत यादव ने केदारनाथ हेलीकाप्टर सर्विस के लिए गूगल पर मिले नंबर से संपर्क किया, तो उन्हें फाटा से प्रति यात्री 4720 रुपये किराया बताया गया। साइबर ठग के कहने पर उन्होंने 28 यात्रियों की बुकिंग के लिए बैंक खाते में 1.18 लाख रुपये जमा करवा दिए। इसके बाद बीमा के नाम पर साइबर ठगो ने 88 हजार रुपये की और मांग की। तब पीड़ित को लगा, कि उनके साथ साइबर ठगी हो गई है। प्रशांत ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
उल्लेखनीय है, कि साइबर ठग केदारनाथ धाम के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध नहीं होने और भीड़ में दर्शनों के लिए लंबी पंक्ति का अवैध लाभ उठा रहे है। गूगल पर केदारनाथ हेली सेवा सर्च करते ही सरकारी वेबसाइट से पहले फर्जी वेबसाइट और उनके फोन नंबर नजर आते है। वहीं धामी सरकार द्वारा वीआईपी दर्शन और विशेष पूजा के विकल्प को बैन किये जाने के बाद भी साइबर ठग इस सुविधा का बुकिंग के साथ फेंक ऑप्शन दे रहे है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने मीडिया को बताया, कि केदारनाथ धाम के लिए हेलीकाप्टर बुकिंग के नाम पर साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान यात्रियों को बुकिंग करते वक्त बेहद सावधान रहने की जरूरत है। बुकिंग के लिए सरकारी साइट पर बुकिंग खुलते ही टिकट बुक हो जा रहे है। इसी का लाभ साइबर ठग उठा रहे है। वह फर्जी वेबसाइट बनाकर यात्रियों के साथ धोखाधड़ी कर रहे है। साइबर ठगो की वेब साइट सर्च में सबसे ऊपर दिखाई दे, इसके लिए साइबर ठग गूगल को भुगतान भी करते है। बता दें, जिस बुकिंग साइट पर मोबाइल से संपर्क कराया जा रहा हो, अथवा बैंक खाते में रकम जमा करने के लिए कहा जाए, तो तत्काल समझ जाएं, कि ये वेबसाइट साइबर ठगों की है।