पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने रोड रेज मामले में एक साल की सजा सुनाई है। 34 साल पुराने रोडरेज के मामले में एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस नेता को या तो समर्पण करना होगा अथवा उनकी गिरफ्तारी होगी। यह रोड रेज का मामला वर्ष 1988 में घटित हुआ था। हालाँकि नवजोत सिंह सिद्धू को पहले इस मामले में राहत मिल गई थी, लेकिन अब सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने ट्वीट कर अदालत का फैसला स्वीकार करने की बात कही है।
Breaking: Supreme Court Sentences Navjot Singh Sidhu For One Year Imprisonment in 1987 Road Rage Case #Navjotsinghsidhu@sherryontopp pic.twitter.com/CvSKoF8BSJ
— Live Law (@LiveLawIndia) May 19, 2022
देश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सजा सुनाये जाने नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, कि वह कानून की महिमा के लिए खुद को प्रस्तुत करेंगे। इस ट्वीट से ये कयास लगाए जा रहे है, कि कांग्रेस नेता सिद्धू न्यायालय या पुलिस के समक्ष समर्पण करेंगे। हालाँकि जब मीडिया कर्मियों ने सिद्धू से सजा पर उनकी प्रतिकिया जानने की कोशिश की, तो उन्होंने नो कमेंट कहा और अपनी कार से निकल गए। उल्लेखनीय है, कि जब सुप्रीम कोर्ट सिद्धू को सजा सुना रहा था, उस समय वे हाथी पर सवार होकर महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
Will submit to the majesty of law ….
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 19, 2022
जानकारी के लिए बता दें, नवजोत सिद्धू पर 34 साल पहले पटियाला में सड़क पर हुए विवाद में गुरनाम सिंह के साथ मारपीट करने का आरोप है। गुरनाम सिंह की अस्पताल में मौत हो गई थी। रोडरेज का यह मामला 27 दिसंबर वर्ष 1988 का है। पटियाला में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त कंवर सिंह संधू ने बुजुर्ग गुरनाम सिंह को पीट दिया था। सिद्धू उस दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी हुआ करते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुजुर्ग गुरुनाम सिंह और दो अन्य लोग बैंक से पैसा निकालने के लिए जा रहे थे। सड़क पर जिप्सी लगी थी, जिसे उन्होंने हटाने को कहा। इसको लेकर उनकी सिद्धू के साथ बहस हुई। पुलिस के अनुसार, सिद्धू मारपीट के बाद घटनास्थल से फरार हो गए। बाद में गुरुनाम सिंह को जब अस्पताल ले जाया गया तो उनकी मौत हो चुकी थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सिद्धू को 2006 में 3 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था। सिद्धू ने इस फैसले को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट का फैसला बदलकर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया था, लेकिन रोड रेज में जिस व्यक्ति की मौत हुई थी, उसके परिवार ने सर्वोच्च न्यायालय में रिव्यू पिटीशन दायर की थी।