असम में गोलपारा जिले में एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल को लंच बॉक्स में बीफ लाने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपिता प्रिंसिपल दलीमा नेसा मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखती है, और लखीमपुर के हुरकाचुंगी मिडल इंग्लिश सरकारी स्कूल में नियुक्त थी। स्थानीय निवासियों का आरोप है, कि वह न केवल बीफ लेकर स्कूल आई,बल्कि अन्य लोगों को भी बीफ ऑफर कर रही थी। घटना 14 मई 2022 (शनिवार) की बताई जा रही है। पुलिस ने प्रिंसिपल को मंगलवार (17 मई 2022) को गिरफ्तार किया।
#BREAKING | #Assam | A school headmistress has been arrested for allegedly carrying beef in her lunchbox. Residents filed a complaint against her.
Niloy Bhattacherjee shares details.
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— News18 (@CNNnews18) May 20, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दलीमा नेसा बीफ का मांस को अपने घर से पका कर लाई थी। प्रिंसिपल महोदया ने स्कूल में मिड डे मील बनाने वाले कर्मचारी से उसे बच्चों में बाँटने के लिए कहा। स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे हिन्दू समुदाय के भी थे। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, प्रिंसिपल के विरुद्ध ब्लॉक स्तरीय जाँच भी शुरू कर दी गई है। वहीं दो दिनों की सरकारी छुट्टी के चलते दलीमा का निलंबन आदेश जारी नहीं किया जा सका था।
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गोलपारा के पुलिस अधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी, कि गिरफ्तारी के बाद प्रिंसिपल को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आरोप है, कि प्रिंसिपल स्कूल में बीफ लेकर आई थीं और लंच ब्रेक के दौरान उन्होंने दूसरे शिक्षकों को भी बीफ ऑफर किया। हालाँकि जाँच के दौरान पता चला है, कि महिला प्रिंसिपल लंच में चिकन और बीफ दोनों ले कर आई थी।
#VIDEO | The headmistress of a government school in #Goalpara, #Assam has been arrested by police on the accusation of carrying #beef to school. @Goalpara_Police @assampolice pic.twitter.com/5GBWZQWRpV
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बताया जा रहा है, यह माँस बाहर से प्रोग्राम में आने वाले लोगों को परोसा जाना था। बाहर से आने वाले लोग और महिला प्रिंसिपल एक ही समुदाय के बताये जा रहे है। हालाँकि, रसोइए ने इसे परोसने से मना कर दिया था। बाद में यह खबर स्कूल के अन्य स्टाफ को पता चली और देखते ही देखते बात बाहर तक फैल गई और स्थानीय लोग भड़क गए। बाद में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने इसकी शिकायत पुलिस में की।
उल्लेखनीय है, कि असम में बीफ खाने और बेचने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन पिछले साल विधानसभा में पास असम कैटल प्रिजर्वेशन ऐक्ट के अंतर्गत जिन क्षेत्रों में हिंदू, सिख, जैन अथवा अन्य बीफ न खाने वाले समुदाय के लोग रहते है, या फिर किसी मंदिर से पांच किलोमीटर की दूरी पर इसकी बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है। पुलिस ने कहा, कि महिला प्रिंसिपल के ऊपर आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए लगाई गई है। असम कैटल प्रिजर्वेशन ऐक्ट उनपर नहीं लगाया गया है, क्योंकि वह बीफ बेच नहीं रही थी, और न ही किसी गोवंश की हत्या का उनपर आरोप था।