उत्तराखंड के पाैड़ी जनपद के सपलोड़ी गांव में पिंजरे में फंसे गुलदार को आक्रोशित भीड़ ने जिन्दा जलाकर मार डाला। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मौके पर मौजूद वन विभाग की टीम के काफी समझाने के बाद भी भीड़ ने इस वारदात को अंजाम दिया। सीसीएफ गढ़वाल सुशांत कुमार पटनायक ने डीएफओ से मामले में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए है।
काफल लेने गयी महिला को शिकार बनाने वाले गुलदार को सपलोड़ी गाँव के आक्रोशित ग्रामीणों ने ज़िन्दा जलाया.. https://t.co/jTVp9rRY2y via @Jago Uttarakhand
— Ashutosh Negi (@journalistAshu) May 24, 2022
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को विकास खंड पाबौ के सपलोड़ी गांव में एक गुलदार के पिंजरे में फंसने की सूचना वन विभाग को प्राप्त हुई। बताया जा रहा है, कि वन विभाग की टीम के गांव पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने गुलदार को पिंजरे को आग के हवाले कर दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम पंचायत सपलोड़ी की सुषमा देवी अपनी सहेली के साथ बीते 15 मई की शाम हरियालीसैण के जंगल में काफल लेने गई थी। शाम को साढ़े छह बजे जंगल से लौटते हुए गुलदार ने सुषमा पर हमला कर दिया था। इस हमले में सुषमा की मौत हो गई थी।
घटना के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के साथ ही गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था। गढ़वाल वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया, कि गुलदार की उम्र करीब सात वर्ष थी। सोमवार की रात को गुलदार सपलोड़ी गांव में लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया था। पौड़ी के वन क्षेत्राधिकारी अनिल भट्ट ने बताया कि, पिंजरे में कैद गुलदार को लोगों ने मौके से नहीं ले जाने दिया और पिंजरे के ऊपर घास आदि डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा। उन्होंने बताया, कि गुलदार को आग के हवाले करने वाले कुछ ग्रामीणों की पहचान कर ली गई है।