उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी ने तीसरे विकल्प बनने का दावा करते हुए पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा था। हालाँकि बड़े-बड़े दावे करने वाली आप पार्टी की झोली में एक भी सीट नहीं आई, और अपना खाता खोलने के लिए भी तरस गई। आप पार्टी की तरफ से घोषित मुख्यमंत्री पद के दावेदार कर्नल अजय कोठियाल (सेनि.) गंगोत्री विधानसभा सीट से बुरी तरह चुनाव हार गए है। केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को उत्तराखंड की जनता ने सिरे से नकार दिया है।
केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को जनता ने नकारा
अपने घोषणापत्र में आप पार्टी के संयोजक केजरीवाल ने युवाओं, महिलाओं, सैनिक वोटरों को साधने के लिए वादों की झड़ी लगा दी थी। केजरीवाल ने फ्री बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं समेत महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये सम्मान राशि और शहीदों के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता देने का अपने घोषणापत्र में जिक्र किया था। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद यहाँ की राजनीती में भाजपा और कांग्रेस भाजपा का एकाधिकार रहा है।
नए अनुभवहीन चेहरों पर दांव खेला
केजरीवाल के दिल्ली मॉडल के सहारे उत्तराखंड चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही आप पार्टी के लिए दोनों दलों से भिड़ना एक बड़ी चुनौती थी। आप पार्टी ने कर्नल अजय कोठियाल को सीएम का चेहरा घोषित करने के साथ ही सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे। आप पार्टी ने चुनाव में नए चेहरे पर दांव खेला, जिन्हें सियासत का कोई विशेष अनुभव नहीं था। स्वयं कर्नल कोठियाल पहली मर्तबा चुनाव में उतरे थे, लेकिन बुरी तरह हार गए।
कर्नल कोठियाल को मिले केवल 5998 वोट
आप पार्टी के सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री विधानसभा सीट सिर्फ 10 फीसदी वोट ही हासिल कर सके। कर्नल कोठियाल को केवल 5998 वोट मिले है। इस विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच रहा और आखिर में भाजपा के प्रत्याशी सुरेशचंद्र चौहान ने गंगोत्री सीट से 28677 वोट हासिल करते हुए अपनी जीत दर्ज की।
Uttarakhand Assembly Elections Result: AAP CM Candidate Colonel Ajay Kothiyal loses from Gangotri Seat
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भाजपा एक ओर जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादुई आभामंडल के बूते यह चुनाव लड़ रही थी, वहीं आप पार्टी के पास ना तो मजबूत संगठनात्मक ढांचा था और ना ही कोई जन प्रतिनिधित्व। आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं का फोकस पंजाब चुनाव में अधिक नजर आया। चुनाव के अंतिम दिनों में सीएम केजरीवाल ने तीन दिनों तक हरिद्वार में डेरा जमाया, लेकिन पार्टी प्रत्याशियों के प्रचार में नहीं गए।