पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के अंतिम परिणामों की घोषणा हो चुकी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत से प्रचंड जीत दर्ज की है, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। वहीं मिजोरम में नई पार्टी ZPM सत्ता में आई। गौरतलब है, कि इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और समाजवादी पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी उतारे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को जीत तो दूर, अपनी जमानतें बचाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। वहीं कई प्रत्याशियों को तो NOTA (नोटा) से भी कम वोट प्राप्त हुए है। मध्य प्रदेश चुनाव में जदयू ने 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे। इसमें से एक ने बाद में सरेंडर कर दिया था, जिसके चलते पार्टी के नौ प्रत्याशी चुनाव लड़े। इन सभी की जमानत जब्त हो गईं। चार जगहों पर तो जदयू प्रत्याशियों को दो सौ से भी कम वोट मिले।
वहीं I.N.D.I. गठबंधन के दूसरे सहयोगी दल समाजवादी पार्टी के मध्य प्रदेश में कुल 69 सीटों पर उम्मीदवार चुनाव लड़े थे। इनमें से एक भी प्रत्याशी जीत के आसपास भी नहीं दिखा। सपा को मिला कुल वोट प्रतिशत महज 0.46 रहा। 43 सीटों पर सपा प्रत्याशी को एक हजार से भी कम वोट मिले। उल्लेखनीय सपा प्रमुख अखिलेश यादव की धुआँधार रैलियों के बावजूद कहीं किसी एक सीट पर भी समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर नहीं रहा। हारे प्रत्याशियों में बुधनी सीट से ‘मिर्ची बाबा’ के नाम से लोकप्रिय स्वामी वैराग्यनंद भी शामिल है।
वहीं मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी की स्थिति भी लगभग जदयू और सपा जैसी ही रही। आप पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने मध्य प्रदेश में कुल 70 उम्मीदवार उतारे थे। सभी 70 प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो गईं। आप पार्टी का मध्य प्रदेश में कुल वोट प्रतिशत 0.42 रहा।