कोरोना संक्रमण ने दुनिया भर के देशो की अर्थव्यवस्था को भरी नुकसान पहुंचाया है। भारत देश में भी कोरोना की इस महामारी का भयंकर असर पड़ा है। भारत सरकार देश में कोरोना के मामलों की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कोरोना के इस आपदाकाल में सऊदी अरब में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत को वर्तमान में दुनिया की उभरती हुई शक्ति माना गया है। यह रिपोर्ट इस संकटकाल में हिन्दुस्तान के लिए एक सकारात्मक सन्देश है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, कि कोरोना संक्रमणकाल में भी हिन्दुस्तान कैसे विश्व के अन्य राष्ट्रों को टक्कर दे रहा है।
अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ डॉ जॉन सी हल्समैन ने अरब न्यूज के एक कार्यक्रम में हिन्दुस्तान की प्रसंशा करते हुए कहा, कि भारत की राजनीतिक संगठन शक्ति संरचना स्थिर है। सऊदी अरब के एक अखबार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करोड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज होने के बाद भी भारत संसार में सबसे बड़ी उभरती हुई ताकत बना हुआ है। उन्होंने कहा, कि भारत का बुनियादी ढांचा बहुत शक्तिशाली है, जो आने वाले कुछ समय में इसे दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्रों में से एक बना देगा।
अमेरिका के विदेश नीति विशेषज्ञ डॉक्टर जॉन सी हल्समैन ने कोरोना संक्रमण की इस महामारी से निपटने के तरीको की आलोचना करने वालों को दुर्भावना का शिकार बताया है। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतान्त्रिक राजनीतिक पक्ष इतना मजबूत है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा दोनों वर्तमान परिस्थिति में राजनीतिक रूप से इस प्रकार सुरक्षित हैं,कि अन्य विकासशील देश उनसे मात्र ईर्ष्या कर सकते हैं।
कोरोना संक्रमण के मामलों के आंकड़ों में भारी उछाल के कारण भारत के स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, परन्तु भारत की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए इसी से भारत के भविष्य का आकलन करना पूर्णतः गलत होगा। साल 2020 के लिए आईएमएफ द्वारा जारी भुगतान संतुलन के आंकड़ों से यह जानकारी मिलती है, कि हिन्दुस्तान ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश प्रवाह में तक़रीबन 80 बिलियन डॉलर प्राप्त किए। जो सिर्फ चीन से पीछे है, परन्तु ब्राजील , ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका से अधिक है।