अल्पसंख्यकों के लिए नरकीय स्थान पाकिस्तान से निर्वासित होकर गुजरात आने वाले हिन्दू शरणार्थियों को जब भारतीय नागरिकता प्रदान की गई, तो उन्होंने कहा, उनका पहला जन्म पाकिस्तान में हुआ, लेकिन आज भारत की नागरिकता पाकर हमारा नया जन्म हुआ है। दरअसल बुधवार (12 सितंबर 2023) को गुजरात के अहमदाबाद में इस्लामी मुल्कों से प्रताड़ित होकर आए 108 हिन्दू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अवसर पर गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने इन सभी हिंदू शरणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। यह आयोजन अहमदाबाद के होटल सिल्वर क्लाउड में आयोजित किया गया। नागरिकता पाने वाले लोगों में पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू भी शामिल है।
इस कार्यक्रम की तस्वीरें अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर शेयर करते हुए गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने लिखा, “अब भारत के नागरिक हैं, अब आप एक ऐसे देश के नागरिक हो गये हैं, जहां सूरज की पहली किरण नई उम्मीदें लेकर आएगी। उन्होंने कहा, “नागरिकता मिलने के बाद सभी परिवार बेहद खुश हैं, क्योंकि अब वे भारत के स्थाई नागरिक बन चुके हैं।
🔸 In a program held in Ahmedabad, 108 applicants from the Ahmedabad district, who migrated from Afghanistan, Bangladesh, and Pakistan to India, were presented with the "Certificate of Indian Citizenship."
🔸 India's spirit of acceptance shines through in the dedication and… pic.twitter.com/q02jWIICdR
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) September 12, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हर्ष संघवी ने कहा, कि नागरिकता पाने वाले हिन्दुओं के घर दीपावली जैसा वातावरण है। उन्होंने सभी 108 लोगों से भारत के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने का भी आह्वान किया। नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रशंसा करते हुए हर्ष संघवी ने कहा, कि इन नीतियों को मोदी सरकार ने सरल कर दिया है।
कार्यक्रम में उपस्थित भाजपा नेता पायल कुकराणी ने मीडिया को आंकड़ों के जरिये जानकारी देते हुए बताया, कि पिछले 5 वर्षों के अंदर गुजरात में 1149 निर्वासित लोगों को भारत की नागरिकता मिल चुकी है। वहीं पाकिस्तान से बच कर आये हिंदू शरणार्थी डॉक्टर गणेश कुमार ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया, कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओ की नाबालिग बच्चियों को अगवा कर फिरौती मांगने की घटना पर पाकिस्तान की सरकार चुप रहती है, और साथ ही उनके साथ धार्मिक भेदभाव भी होता है।
डॉक्टर गणेश ने भारत में बसना ही अंतिम विकल्प बताया, जबकि नागरिकता पाने वाली कौशल्या ने भारत को अपने लिए स्वर्ग जैसा बताया। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक वर्ष लगभग पांच हजार हिंदू शरणार्थी पाकिस्तान से पीड़ित होकर भारत आते हैं। गौरतलब है, कि हर साल 20 जून को वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया इस दिन दोगलापन दिखाते हुए पाकिस्तान में हिंदू शरणार्थियों पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों की खबरों पर मौन साध लेता है।