भारतीय वायु सेना ने मंगलवार (14 मई 2024) को इतिहास रचते हुए आगरा में विमान से भीष्म पोर्टेबल क्यूब्स अस्पताल का परीक्षण किया। उल्लेखनीय है, कि यह संभवतः पहली बार है, जब भारतीय वायु सेना ने इस प्रकार के पोर्टेबल अस्पताल का परीक्षण किया है। आपातकालीन परिस्थितियों में ये पोर्टेबल अस्पताल बेहद काम आ सकते हैं और इन्हें जहाज से एयरड्रॉप करके कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, विमान से लगभग 1500 फीट से अधिक की ऊंचाई से पोर्टेबल अस्पताल को दो पैराशूट के समूह से जमीन पर उतारा गया। जमीन पर उतरते ही क्यूबनुमा आकार का अस्पताल सिर्फ 12 मिनट में बनकर तैयार हो गया। यह भीष्म पोर्टेबल अस्पताल बेहद हल्का और वाटरप्रूफ है। इस पोर्टेबल अस्पताल में एक साथ 200 लोगों का उपचार किया जा सकता है और इसे ड्रोन की सहायता से किसी भी स्थान पर ले जाया सकता हैं।
#WATCH | Indian Air Force tested BHISHM portable cubes at Agra for airdrop from the aircraft. This is the first time when they have tested this portable hospital. This test was performed so that anywhere this hospital can be deployed to cater to emergency situations.]
(Source:… pic.twitter.com/sCeDgkHfnW
— ANI (@ANI) May 14, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आरंभ शुरू किए गए प्रोजेक्ट भीष्म को स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। भीष्म प्रोजेक्ट (बैटलफील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज) के जरिये न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेश में भी आपातकालीन परिस्थितियों व जंग के समय में बेहद तेजी से तैनात किये जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस अस्पताल को वायु, भूमि अथवा समुद्र में भी तैयार किया जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भीष्म में मास्टर क्यूब केज के दो सेट होते हैं। हर केज में 36 मिनी क्यूब होते हैं। यह क्यूब बेहद मजबूत होने के साथ ही वजन में हल्के भी होते हैं। साथ ही इस अस्पताल को कई बार उपयोग में लाया जा सकता है। इसकी इस प्रकार से पैकिंग की जाती है, कि जमीन पर गिरने के बाद खुलने में कोई मुश्किल न आए।
बता दे, कि अयोध्या में भगवान श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी भीष्म प्रोजेक्ट की यूनिट को चिकित्सकों की टीम के साथ तैनात किया गया था। इसके साथ ही सितंबर 2023 में दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी इसका प्रदर्शन किया गया था।