भारतीय स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त सदैव प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय रहा है। किन्तु इस पूरी प्रक्रिया में उस वक्त भारत और पाकिस्तान विभाजन और इससे उपजे भीषण दंगों की चपेट में आकर लगभग 20 लाख से भी ज्यादा लोग मारे गए थे। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया है, कि भारत एवं पाकिस्तान विभाजन के दौरान हमारे लोगों के बलिदान और संघर्ष की स्मृति 14 अगस्त की तारीख को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day)’ के रूप में मनाने का फैसला लिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहा गया, कि भारत राष्ट्र के विभाजन की पीड़ा को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपने रक्त से देश के भविष्य को सींचा है। भारत -पाक विभाजन के उन दिनों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कहा गया कि उन असंख्य लोगो को किस तरह घृणा और हिंसा के कारण लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपने जीवन का भी त्याग करना पड़ा।
देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2021
जानकारी के लिए बात दें, कि 14 अगस्त को सांप्रदायिक आधार भारत राष्ट्र के दो टुकड़े किये गए और एक नए मुल्क पकिस्तान की पैदाइश हुई। पाकिस्तान को वर्ष 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन ने भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के बाद एक नए इस्लामिक मुल्क को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान असंख्य लोग विस्थापन का शिकार हुए। विभाजन के बाद भीषण पैमाने पर भड़के दंगो में कई लाख जीवन समाप्त हो गए।
भारत पाक विभाजन के दौरान कई हिन्दू महिलाओं का क्रूरता के साथ बलात्कार हुआ था और मासूम बच्चों तक को नहीं बख्शा गया था। पकिस्तान में दंगो भीषण त्रासदी के बीच हिन्दू महिलाओं ने अपनी आबरू बचाने के लिए खुदखुशी कर ली थी। पकिस्तान से भारत आने वाली हिन्दू शरणार्थियों से भरी पूरी ट्रेन को मजहबी उन्मांद का शिकार होना पड़ा। इस्लामिक देश पकिस्तान की पैदाइश मानव सभ्यता के इतिहास में सबसे बड़े पलायन और भयंकर त्रासदी के रूप में याद किया जायेगा।