राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुतुब मीनार को लेकर नया विवाद सामने आया है। कुतुब मीनार की मस्जिद के इमाम ने दावा करते हुए कहा है, कि क़ुतुब मीनार के अंदर जो मुगल मस्जिद है, उस स्थान पर एएसआई ने नमाज बंद करवा दी है। हालांकि इमाम ने कहा है, कि इस संबंध में कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है। इमाम ने कहा है, कि नमाज पढ़े जाने से रोकने के पीछे ताजा विवाद जिम्मेदार है, जिसमें कुतुब मीनार को विष्णु स्तंभ बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है, की दिल्ली स्थित कुतुब मीनार परिसर में अब नमाज अदा नहीं की जा सकेगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपने आदेश में सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया है, कि कुतुब मानीर एक नॉन लिविंग मॉन्यूमेंट (निर्जीव स्मारक) है। इसके परिसर में किसी भी धार्मिक गतिविधियों के लिए पूर्व से ही पाबंदी है। यही बात सोमवार को एएसआई ने साकेत कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में भी कही है। साकेत कोर्ट में एएसआई ने कहा, कि कुतुब मीनार एक निर्जीव स्मारक है और इस स्थान पर कोई भी धर्म पूजा-पाठ के लिए दावा नहीं कर सकता।
In 2006, 4-5 people used to offer namaz in Qutubminar premises. Numbers increased to 40 by 2010. They never had any legal papers. pic.twitter.com/E0nslLtjua
— Divya Kumar Soti (@DivyaSoti) May 23, 2022
बता दें, एएमएएसआर एक्ट 1958 के अंतर्गत किसी भी निर्जीव भवन में धार्मिक पूजा आरंभ नहीं की जा सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी अपने 27 जनवरी 1999 के आदेश में ये बात दोहराई थी। दावा किया जा रहा है, कि कुतुब मीनार की मुगल मस्जिद में पिछले कई दशकों से नमाज पढ़ी जा रही है, लेकिन अब वहां एएसआई ने नमाज पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस पर एएसआई के अधिकारियों के कहा, कि देशभर में ऐसे असंख्य निर्जीव स्मारक है, जहां पूजा-पाठ और नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद कुतुब मीनार परिसर में नमाज पढ़ी जा रही थी। अब यहां नमाज पढ़ने वालों को ऐसा करने से मना कर दिया गया है। फिलहाल यहाँ पांच दिनों से नमाज बंद है।
एएसआई के अधिकारियों के अनुसार, बिना सही जानकारी के कुछ लोग कुतुब मीनार परिसर में नमाज पढ़ने की जिद कर रहे थे, ऐसे लोगों से अनुमति पत्र या इससे संबंधित जरुरी दस्तावेज मांगे गए थे। जिस पर नमाज पड़ने वाले कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए। इसलिए उन्हें वापस भेज दिया गया। बता दें, एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक स्थल पर कानूनी तौर पर धार्मिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं है। इससे पहले फिरोजशाह कोटला स्मारक स्थल पर भी एएसआई ने नमाज पड़ने पर रोक लगाई थी।