योगगुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी पर दिए एक बयान बाद एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर छिड़ी जंग के बीच बाबा रामदेव ने कहा है, कि वे अब इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं। बाबा रामदेव ने कहा, कि एलोपैथिक डॉक्टरों द्वारा उनके कथन पर आपत्ति जताये जाने के बाद उन्होंने पहले ही बिना शर्त अपना बयान वापस ले लिया था। परन्तु खेद जताये जाने के बाद नहीं विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसलिए अब इस विवाद को समाप्त करने के लिए वह मौन योग ही एक मात्र उपाय रह गया है।
बाबा रामदेव ने कहा, कि उनका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ कोई वैचारिक विवाद नहीं है। उनकी एक मात्र लड़ाई उन ड्रग और मेडिकल माफिया के खिलाफ है। जो दो रुपये की दवाई को दो हजार रुपये में बेचते हैं। इसके फलस्वरूप एलोपैथी का इलाज आम जनमानस की पहुंच से बहुत दूर होता जा रहा है।
हमारा अभियान ऐलोपैथी व श्रेष्ठ डाक्टर्स के खिलाफ नहीं है हम इनका सम्मान करते हैं,उन ड्रग माफियाओं के खिलाफ है जो 2 ₹ की दवाई को 2000 ₹ तक बेचते हैं और गैरजरूरी आपरेशन व टेस्ट तथा अनावश्यक दवा का धंधा करते हैं।
हम इस विवाद को खत्म करना चाहते हैं। pic.twitter.com/qvN51bOLDL— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 31, 2021
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा,कि उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र के कुछ ड्रग माफिया के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की, तो कुछ लोग षड्यंत्र रचकर मेरे स्वदेशी उत्पाद निर्माण के व्यवसाय को बंद करने में तुले है। बाबा रामदेव द्वारा कहा गया, कि उन्होंने कभी भी पतंजलि के उत्पाद खरीदने के लिए लोगो को बाध्य नहीं किया। योगगुरु द्वारा कहा गया, कि उन्होंने सदैव भारतीय आयुर्वेद के नुस्खों से घरेलू उपचार के साधन बताये है। जिसके फलस्वरूप आम लोग घर पर रहकर खुद को निरोग रख सके। उन्होंने कहा कि मैंने सदैव धन को परमार्थ के लिए उपयोग किया है। इसलिए वर्तमान में मै एक योग गुरु के साथ ही एक बिजनेस गुरु भी हूं।
बाबा रामदेव ने मेडिकल माफियाओ पर आरोप लगाते हुए कहा, कि समूचा मेडिकल सिस्टम उनके अनुसार चलता है। यही लोग दवा और अन्य मेडिकल में प्रयोग होने वाली चीजों की कीमत तय करते हैं। इस खेल में विदेशी ताकते और बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल है। इसके विरोध में जब उन्होंने आवाज उठाई ,तो सब ने मिलकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मेडिकल माफियाओ के खिलाफ ये जंग किसी दबाव में बंद नहीं होगी, क्योंकि इससे 130 करोड़ भारतवासियों का हित जुड़ा हुआ है। इसलिए ड्रग माफियाओं के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी।