बदायूं में बीते मंगलवार 19 मार्च की शाम साढ़े छह बजे ठेकेदार विनोद ठाकुर के दो बेटों आयुष (13) और अहान (6) की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई। मासूम बच्चों की हत्या के आरोपी साजिद को इस घटना के कुछ घंटों के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। वहीं दूसरे आरोपी जावेद की तलाश जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साजिद की बर्बरता के शिकार बने बच्चों के पिता विनोद कुमार ने पुलिस को दी एफआईआर में बताया है, कि साजिद अपने भाई जावेद के साथ मंगलवार की शाम उनके घर के बाहर मोटरसाइकिल से आया था। इसके बाद साजिद उनके घर के अंदर आ गया और उनकी पत्नी संगीता से पांच हजार रुपये उधार माँगे। जब पैसे के लिए संगीता घर के अंदर चली गईं, तो इसी बीच साजिद ने विनोद कुमार के मंझले बेटे पीयूष को दूकान पर गुटखा लाने भेज दिया।
थोड़ी देर बाद साजिद ने संगीता से कहा, कि उसका मन कुछ ठीक नहीं है, जिसके लिए वह छत पर जाना चाहता है। साजिद ने जावेद को अंदर बुलाया और उनके बेटों को लेकर छत पर चला गया। विनोद कुमार ने पुलिस को बताया, कि इसके बाद उनकी पत्नी संगीता अंदर से पैसे लेकर जब बाहर आई, तो देखा साजिद और जावेद सीढ़ियों से उतर रहे हैं और उनके हाथ में खून से सना एक चाकू है।
Budaun, UP Double Murder Case | On the complaint of the father of the deceased, Police register FIR against the accused Sajid and his brother Javed.
FIR reads "The accused Sajid told my wife that he wanted money as his wife was about to deliver a child. When she went inside to…
— ANI (@ANI) March 20, 2024
पुलिस में दर्ज एफआरआई के अनुसार, साजिद ने विनोद की पत्नी संगीता से कहा, कि आज मैंने अपना काम पूरा कर दिया है। इसके बाद बदहवास संगीता छत की तरफ भागी, तो वहां का नजारा देख कर उसके होश उड़ गए, छत पर उसके दोनों बेटे आहान और आयुष खून से लथपथ पड़े हुए थे। इस दौरान बाहर से गुटखा लेकर आये पीयूष पर भी साजिद ने प्राणघातक हमला किया। हालाँकि, वो
किसी प्रकार उस दरिंदे से बच गया।
संगीता की चीख-पुकार सुनकर मौके से फरार होने की कोशिश कर रहे साजिद को मोहल्ले वालों ने दबोच लिया, जबकि जावेद भगदड़ के बीच भागने में कामयाब हो गया। इसके बाद पुलिस बुला कर साजिद को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान आक्रोशित भीड़ के बीच साजिद भी फरार हो गया।
आपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद पुलिस ने इलाके की नाकेबंदी कर दी, और कुछ ही घंटों बाद ही साजिद एक मुठभेड़ के दौरान मारा गया। पुलिस ने साजिद के एनकाउंटर के विषय में इस मामले की केस डायरी में बताया है, कि वह बदायूँ के सखानू गाँव का निवासी है। वह बदायूँ में दो बच्चों की हत्या करके भाग रहा था। पुलिस ने बताया है, कि सूचना मिलने पर एक टीम साजिद का पीछा कर रही थी।
पुलिस को साजिद के बारे में सूचना मिली थी, कि वह सिरसा दबरई के जंगल की तरफ भागा है। इस पर पुलिस ने उसका पीछा करके उसकी निशानदेही कर ली और उसको रुकने को कहा। पुलिस के आग्रह के बावजूद साजिद भागता रहा और आत्मसमर्पण के बजाय अवैध तमंचे से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस टीम द्वारा कई बार अपील करने बाद भी साजिद ने फायरिंग जारी रखी।
साजिद की गोलाबारी के दौरान एक गोली एक पुलिस अधिकारी की बुलेटप्रूफ जैकेट में भी लगी। साजिद ने पुलिस पर लगभग 6-7 राउंड फायर किए। उसकी गोली से एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने भी साजिद पर जवाबी कार्रवाई की। पुलिस द्वारा चलाई गई गोली जब साजिद को लगी तो वह ‘ए खुदा आज बचा ले‘ कह कर गिर गया। इसके बाद उसने पुलिस से दो बच्चों की हत्या की बात स्वीकार की और खुद को बचाने की अपील की।
पुलिस ने अपने घायल अधिकारी और साजिद को जिला अस्पताल भेजा। जहां साजिद को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस को साजिद के पास से एक अवैध तमंचा और चार राउंड ज़िंदा कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार, साजिद और जावेद आपस में भाई हैं और उनके पिता का नाम बाबू है। साजिद और जावेद के खिलाफ बदायूँ के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज की गई है।
इन दोनों आरोपितों के ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास और घर में घुस कर हमला करने की संगीन धाराएँ लगाई गईं हैं। पुलिस ने साजिद के अब्बा बाबू और चाचा को भी उनके गाँव से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इस मामले में पुलिस अभी जाँच कर रही है। साजिद जहाँ एनकाउंटर में मारा गया है, तो वहीं जावेद फरार चल रहा है। बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है। इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है।