महाराष्ट्र के पुणे में बीती 18 मई को एक तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर में दो बाइक सवार युवक-युवती की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी। इस पूरे मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने जिस प्रकार नाबालिग रईसजादे को सिर्फ निबंध लिखने का आदेश देकर जमानत पर छोड़ दिया था, उससे पूरे देश में आक्रोश भड़क गया था। आखिरकार जब इस मामले ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ा, तो अब ताबड़तोड़ एक्शन देखने को मिल रहे है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में नाबालिग रईसजादे को बुधवार 22 मई 2024 को अदालत के समक्ष पेश किया गया था। कोर्ट ने मामले में नाबालिग की जमानत रद्द कर दी और उसे बाल सुधार गृह भेजने के निर्देश दिए है। वहीं पुणे की एक सत्र अदालत ने कार दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय नाबालिग के पिता और एक पब के दो स्टाफ को 24 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पुणे हादसा: नाबालिग की जमानत रद्द
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— News24 (@news24tvchannel) May 22, 2024
नाबालिग लड़के के पिता और ब्लैक मैरियट पब के कर्मचारी नितेश शेवाणी व जयेश गावकर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.पी. पोंखसे के सामने पेश किया गया। बता दें, कि नाबालिग लड़के के पिता एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं। इससे पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ट ने 17 साल के आरोपी लड़के को एक नोटिस जारी किया था और उसे बुधवार को बोर्ड के सामने पेश होने को कहा। यह नोटिस तब जारी किया गया है, जब पुणे पुलिस ने बोर्ड से उसके जमानत आदेश की समीक्षा करने के लिए एक याचिका दी।
गौरतलब है, कि 18 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक अनियंत्रित पोर्शे कार ने बाइक पर जा रहे एक महिला और एक पुरुष को कुचल कर मार दिया था। यह दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। इनकी पहचान अनीस दूधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हुई थी। पोर्शे गाड़ी इस दुर्घटना के बाद क्षतिग्रस्त हो गई थी और 17 वर्षीय लड़के को पकड़ लिया गया था। उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 15 घंटे के भीतर इस शर्त पर जमानत दे दी थी, कि वह तीन सौ शब्दों का निबन्ध ट्रैफिक समस्या पर लिखेगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे के समय नाबालिग शराब के नशे में धुत था और 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से अपने पिता की पोर्श कार चला रहा था। दो लोगों को कुचलने के बाद उसने मौके से भागने की कोशिश भी की, लेकिन लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। बाद में उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां कुछ घंटों बाद ही लड़के को जमानत मिल गई थी।
पुलिस ने बताया, कि शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात को आरोपी किशोर अपने दोस्तों के साथ रात साढ़े नौ बजे से देर रात एक बजे के बीच दो बारों में गया था और वहां कथित तौर पर शराब पी। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग लड़के ने पुणे के कोजी बार में जाकर ₹48,000 शराब और खाने पर खर्च किए थे। उसने ₹48000 का यह खर्चा मात्र डेढ़ घंटे में कर दिया था। वहीं गाड़ी से दो लोगों को कुचलने वाला नाबालिग इसके बाद एक और बार में भी गया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट से जमानत मिलने से पहले पुलिस ने आरोपी से दुर्घटना को लेकर पूछताछ की थी, जिसमें आरोपी ने कई चौंकने वाली बातों का खुलासा किया था। नाबालिग आरोपी ने बताया, कि 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद उसके पिता ने ही उसे दोस्तों के साथ पब में पार्टी करने की मंजूरी दी थी। उसने कार चलाने की ट्रेनिंग भी ठीक से नहीं ली थी। फिर भी पिता ने उसे पार्टी में जाने के लिए अपनी पोर्श कार दी। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है और पिता को इस बात जानकारी भी थी, कि वह शराब पीता है।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया, कि पुलिस गैर इरादतन हत्या का मामला साबित करने का प्रयास कर रही है। रविवार को किशोर न्याय बोर्ड द्वारा पारित जमानत आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, कि आरोपी ने अपनी याचिका में उल्लेख किया है, कि वह शराब का आदी है, ताकि यह साबित किया जा सके, कि दुर्घटना के समय वह अपने होश में नहीं था। उन्होंने कहा, ‘हम यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं, कि वह पूरी तरह से अपने होश में था और जानता था कि उसके इस कदम से उसकी मौत हो सकती है।’