प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (25 अक्टूबर, 2023) को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 22,300 करोड़ की सब्सिडी किसानों के लिए जारी की गई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया, कि रबी सीजन के लिए 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक सब्सिडी जारी रहेगी। बता दें, इस साल फरवरी में जारी किए गए बजट में मोदी सरकार ने 2023-24 के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 1.75 लाख रुपये का प्रावधान किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सर्दी के मौसम में रबी की फसल के लिए विभिन्न प्रकार के फर्टिलाइजर पर किसानों को सब्सिडी मिलने से उनकी बड़ी बचत होगी और साथ ही खाद की कीमतें भी स्थिर रहेंगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने X सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी, कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल के बीच रबी सत्र के लिए (P&K) खाद पर 22,303 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूरी दी है।
The Union Cabinet has approved the proposal to establish Nutrient Based Subsidy (NBS) rates for the upcoming Rabi Season 2023-24. These rates will apply to Phosphatic and Potassic (P&K) fertilizers.
This decision reflects the unwavering commitment of the government to provide… pic.twitter.com/OIqz5YmffY
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) October 25, 2023
प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार एक न्यूट्रिएंट पर आधारित सब्सिडी व्यवस्था भी चलाती है। इसे NBS स्कीम कहा जाता है। सर्दी के मौसम में किसान कई प्रकार की फसलों की खेती करते है। भारत की वार्षिक फ़ूड सप्लाई का आधा हिस्सा सर्दी के दिनों में ही उपजाया जाता है। इनमें गेहूँ, मसूर की दाल एवं कई अन्य तरह के दालें, मोटे अनाज, सब्जियाँ, तेल बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सब्जियाँ जिनमें मुख्यतः सरसो इत्यादि शामिल है। NBS पॉलिसी के तहत वार्षिक आधार पर केंद्र सरकार सब्सिडी देती है।
उल्लेखनीय है, इन फसलों के उत्पादन के लिए नुट्रिएंट्स की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों पर प्रति किलो के दर से सरकार सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इनमें ऐसी फसले भी शामिल हैं, जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश और सल्फर की जरुरत पड़ती है। कई गाँवों में प्राइवेट कंपनियों की दुकानें है, जो सरकार की सब्सिडी के अनुसार डिस्काउंट पर किसानों को खाद उपलब्ध कराती है। इन कंपनियों को फिर सरकार रुपए देती है, मार्किट में दाम और डिस्काउंट के दाम के बीच जो घाटा होता है, उसे सरकार वहन करती है।
2023-24 के लिए मोदी सरकार ने फरवरी में जारी किए गए बजट में 1.75 लाख रुपए का प्रावधान खाद पर सब्सिडी के लिए किया है। लेकिन, अगर वैश्विक स्तर पर कृषि आधारित नुट्रिएंट्स के दामों में वृद्धि होती है, तो ये बजट बढ़ाया भी जा सकता है। अनुराग ठाकुर ने कहा, कि अंतरराष्ट्रीय दर घटने-बढ़ने की स्थिति में किसानों पर कोई भार नहीं आने दिया जाएगा। नए दर के हिसाब से नाइट्रोजन पर 47.02 रुपए, फॉस्फोरस पर 20.82 रुपए, पोटाश पर 2.38 रुपए और सल्फेट पर 1.89 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है।