देश के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी द्वारा 26 फरवरी 2024 को उनके ‘वनतारा’ (जंगल के सितारे)’ प्रोग्राम की सार्वजनिक रूप से घोषणा की गई।। इस योजना के तहत तीन हजार एकड़ की जमीन पर वनतारा इकोसिस्टम बनाया गया है, जहाँ पशुओं का बचाव और पुनर्वास होता है। इस इलाके को हरे-भरे जंगल की तरह विकसित किया गया है। बता दें, वनतारा जानवरों को समर्पित अपनी तरह का देश का पहला कार्यक्रम है।
अनंत अंबानी ने अपने विवाह की तैयारियों के बीच गुजरात के जामनगर में इस योजना के विषय में जानकारी देते हुए बताया, कि उन्होंने इसकी शुरुआत इस वजह से की है, क्योंकि उनके माता-पिता ने उन्हें बचपन में बताया था, कि जो बेजुबानों की सेवा करता है उसे पुण्य मिलता है।
Media Release – Reliance Foundation announces Vantara – a comprehensive Animal Rescue, Care, Conservation and Rehabilitation programme, the first of its kind in India
Conceived by Shri Anant Ambani, Vantara aims to be a leading contributor to global conservation effort pic.twitter.com/Glv2JWBYzL
— Reliance Industries Limited (@RIL_Updates) February 26, 2024
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अनंत अंबानी ने बताया, “मैं बचपन से ही पशुओं की सेवा करता आया हूँ। उन्होंने कहा, हिंदू धर्म में भी कहा जाता है, कि जीव-जंतु भगवान का रूप होते हैं। हम तो सामने से भगवान को देख नहीं सकते हैं, इसलिए मैं तो यह मानता हूँ, कि पशुओं की सेवा करना ही भगवान का काम है। मेरी मम्मी ने बचपन से ही जानवर से प्रेम करना और पशु पालन करना सिखाया है, इसलिए मैंने इसकी शुरुआत की।”
रिलायंस फाउंडेशन के डायरेक्टर अनंत अंबानी ने कहा, “मैं हमेशा से बहुत ज्यादा धार्मिक रहा हूँ। हमारे हिंदू धर्म में श्रीराम ने जटायु और छोटी सी गिलहरी को प्रेम दिया। माता रानी भी शेर पर बैठती हैं, माता लक्ष्मी के पास उल्लू है, सरस्वती माँ का वाहन मोर है और श्रीकृष्ण तो कहते हैं हाथी, घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की।”
Reliance Foundation's Vantara, India's first-of-its-kind animal rescue and conservation programme in Gujarat's Jamnagar pic.twitter.com/zAlib6DSM2
— ANI (@ANI) February 26, 2024
बता दें, कि इस प्रोजेक्ट में अब तक 200 हाथियों सहित हजारों जानवरों को बचाया गया है। इनमें हर तरह के पशु, पक्षी और सांप शामिल हैं। गेंडे, चीते और मगरमच्छ सहित कई प्रजातियों का पुनर्वास भी किया गया है। भारत से ही नहीं यहां विदेश से भी उपेक्षित जानवरों को लाया गया है। उनका पूरी तरह ख्याल रखा जा रहा है।