प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में नीम की पत्तियों को बहुत गुणकारी बताया गया हैं। मानव शरीर में उत्पन्न होने वाले विभिन्न रोगो का आयुर्वेद में नीम की पत्तियों से उपचार किया जाता है। भले ही नीम की पत्तियां का स्वाद कड़वा होता है। लेकिन इनमे कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कि कई बीमारियों का रामबाण उपचार हैं।
प्रत्येक दिन सुबह सुबह नीम की पत्तियां को चबाने से शरीर की त्वचा में होने वाले इन्फेक्शन से हमारा बचाव होता है। गर्मी और मानसून के दिनों में त्वचा पर कई प्रकार के इंफेक्शन हो जाते हैं। इस दौरान बच्चों को फोड़े फुंसियां होना एक आम बात है। परन्तु इसके लिए हर बार एलोपैथी की दवा लेने से बेहतर है। आप इसके लिए गुणकारी नीम की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं। तो आइये जानते है, कि नीम की पत्तियों के सेवन मात्र से मानव शरीर कौन -कौन सी बीमारियों से दूर रह सकता है।
नीम की पत्तियों का उपयोग छोटी माता (चिकन पॉक्स) जिसके संक्रमण से पूरे शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियाँ विकसित हो जाती हैं, उसके इलाज में एक गुणकारी औषधि है। इसके अलावा अगर आप हर दिन नीम की चार पत्तियों को चबाते है, तो इससे मुँह में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। नीम की पत्तियों से बना घोल घावों को धोने में कार्बोलिक साबुन से भी अधिक प्रभावशाली है। कुष्ठ एवं चर्म रोगों के उपचार में भी नीम बहुत लाभकारी है।
नीम शरीर में खून को साफ करने में भी सहायक हैं। नीम का तेल टीबी या क्षय रोग को उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया की तीन प्राजातियों को खत्म करने वाले गुणों से भरपूर है। त्वचा के लिए लाभकारी नीम के पत्तों में विटामिन सी पाया जाता है। नीम के पत्तों को पीसकर शरीर की त्वचा पर लगाने से त्वचा से जुड़ी बीमारिया ठीक हो जाती है। नीम के रस में डायबिटिज, बैक्टीरिया और संक्रमण का नाश करने के वाले तत्व पाये जाते हैं। नीम की तासीर ठंडी होती है, इसीलिए गर्मी के मौसम में इसकी पत्तियों का प्रयोग मानव शरीर के लिए विशेष रूप से गुणकारी माना जाता है।
नीम के सेवन से त्वचा की चेचक जैसी खतरनाक बीमारियाँ नहीं होती है। नीम का उपयोग आयुर्वेद में पिछले चार हजार सालों से किया जा रहा है। नीम के पेड़ के तने, पत्ती, जड़, छाल एवं उसके कच्चे फलों में अनेकों स्वास्थ्य शक्ति वर्धक रासायन पाए जाते हैं। नीम की छाल विशेष रूप से मलेरिया के लिए बहुत उपयोगी है। नीम के पेड़ पर प्रतिदिन जल चढ़ाने से मनुष्य की आयु बढ़ती है और यह मानव शरीर को निरोगी रखता है। नीम शरीर के शुगर लेवल को कम रखने का कार्य करता, इसलिए उपवास के दौरान नीम का सेवन नहीं करना चाहिए।