सिंगूर जमीन विवाद मामले में टाटा समूह की बड़ी जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पंचाट न्यायाधिकरण ने मामले का निपटारा करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को सिंगूर में टाटा मोटर्स की नैनो फैक्ट्री को बंद करने के लिए कंपनी को सितंबर 2016 से 11 फीसदी ब्याज के साथ 765.78 करोड़ रुपये की बड़ी राशि का भुगतान करने फैसला सुनाया है।
मुंबई स्थित टाटा मोटर्स प्रमुख ने सोमवार को अपने आधिकारिक बयान में जानकारी दी है, कि एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम को सिंगूर में उसके मैन्युफेक्चरिंग साइट (विनिर्माण स्थल) पर हुए नुकसान के संबंध में कंपनी को 766 करोड़ रुपये का मुआवजा देने को कहा है। यह मुआवजा सिंगूर में ऑटोमोबाइल विनिर्माण सुविधा के संबंध में पूंजी निवेश के नुकसान सहित विभिन्न मदों के तहत डब्ल्यूबीआईडीसी से मुआवजे के ऑटो प्रमुख के दावे के संबंध में है।
Singur Plant case | Tata Motors says, "The aforesaid pending arbitral proceedings before a three-member Arbitral Tribunal has now been finally disposed of by a unanimous award in favour of Tata Motors Limited (TML) whereby the claimant (TML) has been held to be entitled to… pic.twitter.com/ivr34191GM
— ANI (@ANI) October 30, 2023
गौरतलब है, कि पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार ने टाटा को सिंगूर में ‘लखटकिया’ नैनो कार कारखाना लगाने की मंजूरी दी थी। उस वक्त ममता बनर्जी विपक्ष में थी। ममता बनर्जी ने वाममोर्चा सरकार पर सिंगूर में टाटा के लिए जबरन जमीन अधिग्रहण का आरोप लगाते हुए आंदोलन की अगुवाई की थी। आंदोलन के चलते टाटा मोटर्स को अपनी फैक्ट्री गुजरात में स्थानांतरित करनी पड़ी थी। टाटा मोटर्स ने साल 2011 में ममता सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके जरिए कंपनी से अधिगृहित भूमि छीन ली गई थी।
भूमि विवाद के कारण प्लांट को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होने के लगभग दो साल बाद इसका उद्घाटन हुआ था। साणंद प्लांट का उद्घाटन तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा ने किया था। मात्र एक लाख रुपये की लागत वाली कार बनाने का सपना देखने वाले रतन टाटा को इसे साकार करने के लिए कई तकनीकी व सियासी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। साल 2003 में एक लखटकिया कार पेश करने की कल्पना की गई थी, वहीं टाटा मोटर्स ने 2020 में नैनो कार की बिक्री बंद कर दी थी।