बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया है। हाल ही में राजद का साथ छोड़कर बीजेपी के समर्थन से 9वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सीएम नीतीश कुमार को सदन में बहुमत साबित करना था। वोटिंग के दौरान राजद विधायक चेतन आनंद और नीलम देवी ने जदयू-भाजपा गठबंधन के पक्ष में मतदान किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार विधानसभा में 129 विधायकों ने नीतीश कुमार के पक्ष में मतदान किया, वहीं विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किया। मतदान से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में अपने संबोधन में कहा, कि जब वो सत्ता में आए, तब उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा बंद कराया। उन्होंने 2005 से पहले के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा, कि उस समय के मामलों में भी कार्रवाई उनके सत्ता में आने के बाद ही शुरू हुई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, कि हम बिहार के विकास के लिए, लोगों के हित में काम करते रहेंगे। उन्होंने तेजस्वी यादव के आवास में राजद विधायकों को रखे जाने के संबंध में कहा, कि पैसा कहाँ से आया, इसकी जाँच करवाई जाएगी। नीतीश कुमार ने कहा, कि अब वो अपनी पुरानी जगह वापस आ गए है। फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए मतदान हुआ। उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी जिक्र किया, कि कैसे लालू परिवार ने जमीन लेकर नौकरियाँ दी।
चोर दरवाजे का रास्ता बंद,
बिहार की जनता जिंदाबाद!बिहार विधानसभा बहुमत परीक्षण में जनता के विश्वास की जीत हुई। NDA की सरकार 130 मतों के भारी बहुमत से विजय हुई।
बिहारवासियों को बहुत-बहुत बधाई।#BiharWithNDA pic.twitter.com/PA8u42bh7I
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) February 12, 2024
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भाजपा कार्यालय में ढाेल-नगाड़े बजाकर जीत का जश्न मनाया। वहीं विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के वक्त जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संबोधन देने के लिए खड़े हुए तो राजद विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इससे सीएम नीतीश कुमार गुस्सा गए और उन्होंने कहा यह लोग मुझे बोलने देना नहीं चाहते हैं आप वोट करवाइए।
उल्लेखनीय है, कि विधानसभा में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार द्वारा लाए गए विश्वासमत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तेजस्वी ने रिकॉर्ड नौवीं बार और पांच साल के कार्यकाल के भीतर तीसरी बार शपथ लेने को लेकर भी मुख्यमंत्री पर तंज कसा और कहा कि ऐसा उदाहरण पहले कभी नहीं देखा गया। तेजस्वी ने कहा, मैंने नीतीश कुमार को हमेशा दशरथ की तरह माना। मुझे नहीं पता, कि किस वजह से वह महागठबंधन को धोखा देने के लिए मजबूर हुए।