प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (21 फरवरी 2024) को ग्रीस के पीएम किरियाकोस मित्सोताकिस से भेंट की। मुलाकात के बाद दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पीएम मोदी ने ग्रीक प्रधानमंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा, कि पिछले वर्ष वो भी ग्रीस गए थे। प्रधानमंत्री ने बताया, कि ये यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत होती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है। उन्होंने कहा, कि 16 वर्षों के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री का भारत आना अपने-आप में एक ऐतिहासिक अवसर है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, कि हमारी आज की चर्चाएँ बहुत ही सार्थक और उपयोगी रही, ये प्रशंसा का विषय है, कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने की ओर अग्रसर है। सहयोग को नई ऊर्जा और दिशा देने के लिए नए अवसरों की पहचान की गई। पीएम मोदी ने कहा, कि कृषि के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग की अनेक संभावनाएँ हैं, पिछले वर्ष इस क्षेत्र में किए गए समझौते के कार्यान्वयन के लिए दोनों देश कदम उठा रहे है।
पीएम मोदी ने इस दौरान दोनों देशों के बीच फार्मा, मेडिकल उपकरण, तकनीक, खोज, स्किल डेवलपमेंट और स्पेस जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “दोनों देशों के स्टार्टअप्स को आपस में जोड़ने पर चर्चा हुई। शिपिंग और कनेक्टिविटी दोनों देशों के लिए उच्च प्राथमिकता के विषय है, इन क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ।
Addressing the press meet with PM @kmitsotakis of Greece.https://t.co/Hhn8qZdzwq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2024
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “डिफेंस और सिक्योरिटी में बढ़ता सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास को दर्शाता है। इस क्षेत्र में वर्किंग ग्रुप के गठन से हम डिफेंस, साइबर सिक्योरिटी, आतंकवाद निरोध और समुद्री सुरक्षा जैसी साझा चुनौतियों पर आपसी समन्वय बढ़ा सकेंगे। भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में सहयोग के लिए नए अवसर बन रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, कि भारत और ग्रीस की चिंताएँ एवं प्राथमिकताएँ समान है। उन्होंने कहा, कि प्राचीन और महान सभ्यताओं के रूप में भारत और ग्रीस के बीच गहरे सांस्कृतिक और पीपल-टू-पीपल संबंधों का लंबा इतिहास है, विचारों का आदान-प्रदान होता रहा है। इन संबंधों को आधुनिक स्वरूप देने के लिए कई आधुनिक अवसरों की पहचान हुई। 2025 में भारत-ग्रीस के कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाई जाएगी, इसके लिए कार्य योजना बनाई गई है।
इसके तहत दोनों देशों के साझा धरोहर और अन्य उपलब्धियों को वैश्विक मंचों पर दर्शाया जाएगा। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इस पर सहमति जताई गई है, कि कूटनीतिक तरीकों से ही मसलों का हल संभव है। इंडो-पैसिफिक में ग्रीस की भूमिका का भारत ने स्वागत किया। संयुक्त राष्ट्र व अन्य वैश्विक संस्थानों में सुधार करके उन्हें समकालिक बनाए जाने पर भी बल दिया गया।