नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी निफ्टी (NSE) में हुए बड़े घोटाले का मामला आजकल खासा सुर्खियो में है। मामले की जांच के दौरान एक
‘हिमालयन योगी’ का भी नाम सामने आया था। इसी प्रकरण में सीबीआई ने बीते गुरुवार (24 फरवरी 2022) की देर रात एक बड़ी कार्यवाही करते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के पूर्व ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम की पहली गिरफ्तारी की है। अब दावा किया जा रहा है, कि आनंद ही हिमालय का योगी बनकर NSE की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्ण को ईमेल भेजता था।
एक अनाम हिमालयन योगी
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे- वैसे हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे है। अक्सर ऐसी कहानियां और किस्से फिल्मों और वेब सीरीज में ही नजर आते है। जांच में यह जानकारी सामने आयी, एक अनाम हिमालयन योगी के कहने पर NSE की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्ण ने ईमेल पर मिले निर्देशों के आधार पर एक व्यक्ति को को ना सिर्फ नौकरी दी, बल्कि प्रमोशन के साथ-साथ उसकी सैलरी भी करोड़ों में कर दी।
हिमालयन योगी के नकाब के पीछे आनंद सुब्रमण्यम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कथित हिमालयन योगी के नकाब के पीछे आनंद सुब्रमण्यम ही महिला अधिकारी चित्रा रामकृष्ण द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों को प्रभावित और कंट्रोल करता था। आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई ने चेन्नई स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है, कि जाँच एजेंसी के पास इस बात के पुख्ता सबूत है, कि आनंद सुब्रमण्यम ने rigyajursama@outlook.com नाम की ईमेल आईडी से चित्रा से संपर्क साधा था।
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— Ashok Bedwal (@imbedwal) February 26, 2022
आनंद सुब्रमण्यम ने गोपनीय और संवेदनशील जानकारियाँ हासिल
रिपोर्ट्स के अनुसार महिला अधिकारी चित्रा रामकृष्ण इस योगी की अंधभक्ति में इतनी प्रभावित थी, कि उसके हर आदेश का आंख मूंदकर पालन करती रही थी। कथित योगी ने चित्रा की इस अंधभक्ति का बड़ा फायदा उठाया, और चित्रा से 2013 से 2016 के बीच अपनी मेल आईडी पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से सम्बंधित कई सारी गोपनीय और संवेदनशील जानकारियाँ हासिल कर ली। अनाम योगी के निर्देश पर चित्रा ने सुब्रमण्यम के लिए पहली बार में ही एक विशेष पद भी सृजित कर दिया था।
आनंद ने धोखेबाजी से चित्रा रामकृष्ण के हर निर्णय को कंट्रोल किया
साल 2013 में (NSE) ज्वॉइन करने से पहले (B &L) कंपनी में मिडिल मैनेजमेंट के तौर पर काम करने वाले आनंद का सालाना वेतन 15 लाख रुपए से भी कम था। फॉरेंसिक जाँच में सामने आया है, कि आनंद सुब्रमण्यम खुद बतौर योगी चित्रा रामकृष्ण को ईमेल करता था। आनंद ने इसी धोखेबाजी से चित्रा रामकृष्ण के हर निर्णय को प्रभावित किया। इससे पहले चित्रा ने कहा था, कि अनाम योगी एक सिद्ध तपस्वी है, और वह हिमालय में कहीं निवास करते है। उन्होंने बताया था, कि योगी का कोई भौतिक शरीर नहीं है और वे कहीं भी आ-जा सकते है। सीबीआई को जांच में पता लगा, आनंद कथित योगी बनकर चित्रा के केशों की भी प्रशंसा करता था और विदेशो में जाकर समुद्र यात्रा करता था।