प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आखिरकार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर दी है। गौरतलब है, कि इस कानून को बनाए जाने के चार वर्षों बाद इसे नोटिफाई किया गया है। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वेब पोर्टल बनाया गया है, जिसका प्रशिक्षण पहले ही पूरा कर लिया गया है। जिला प्रशासन को लॉन्ग टर्म वीजा देने के लिए अधिकृत कर दिया गया है।
नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों (हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी) को भारत की नागरिकता दी जा सकेगी, जो इन देशों में इस्लामी अत्याचार से पीड़ित है। इसके तहत दिसंबर 2014 तक इनमें से जो पीड़ित भारत में शरणार्थी बन कर रह रहे हैं, उन्हें अब यहाँ की स्थायी नागरिकता मिलेगी।
नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है। पड़ोसी देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया गया है।
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— NDTV (@ndtv) March 11, 2024
सरकार ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाया है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी आवेदन कर सकता है। आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सीएए को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था।
बता दें, कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई सार्वजनिक मंचो से नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने की बात कर चुके थे। हाल ही में उन्होंने ऐलान किया था, कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। अब मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस कानून को लागू कर दिया है।