भारत-कनाडा के रिश्तों में तल्खी बढ़ती जा रही है। बीते सोमवार को संसद में कनाडा के पीएम ट्रूडो ने कहा, कि खालिस्तान आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है। जस्टिन ट्रूडो ने कहा है, कि देश की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच के कनेक्शन की जांच करने में जुटी है। खालिस्तानी आतंकी की हत्या को लेकर ससंद में पीएम ट्रूडो के बयान के बाद कनाडा ने भारत के एक शीर्ष डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया है।
उल्लेखनीय है, कि ट्रूडो को सोशल मीडिया पर अपने इस फैसले के लिए तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बिना किसी ठोस सबूत के इतना गंभीर आरोप लगाना और कार्रवाई करना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। सोशल मीडिया पर यूजर्स ट्रूडो पर कनाडा को आतंकियों की शरणस्थली पाकिस्तान जैसा बनाने का आरोप लगा रहे है। सोमवार को संसद में ट्रूडो के बयान के बाद बाकी दुनिया के लोग भी अचंभित है, कि आखिर कनाडा क्यों भारत के साथ रिश्ते खराब करने पर तुला हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान 10 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो के साथ बातचीत के दौरान वहां चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। इसके लगभग छह दिन बाद भारत ने कनाडा के साथ फ्री ट्रेड डील बातचीत टाल दी थी। भारत के एक अधिकारी ने बीते शुक्रवार को कहा, कि दोनों देशों के बीच व्यापार से जुड़ी चर्चा तभी होगी जब दूसरे मुद्दों पर हल निकलेगा।
उन्होंने कहा, कि कनाडा में कुछ ऐसी राजनीतिक गतिविधियां हो रही थी, जिन पर भारत ने गंभीर आपत्ति दर्ज की थी। जब तक इनका समाधान नहीं निकलता, तब तक कनाडा से ट्रे़ड एग्रीमेंट संबंधी बातचीत पर विराम लगा दिया गया है। गौरतलब है, कि ट्रूडो का यह फैसला भारत और कनाडा के राजनयिक संबंधों को रसातल में पहुंचा सकता है। बता दें, निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का मुखिया था।
बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा आतंकी निज्जर वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था। खुफिया सूत्रों के अनुसार, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इस वजह से भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था, क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह गैंग के सदस्यों को विदेशों में लॉजिस्टिक और धन मुहैया करवाना शुरू कर दिया था।
ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे, तो उस वक्त उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था। खालिस्तानी आतंकी निर्ज्जर पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने समेत कई मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी।
भारत सरकार ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था। जबकि NIA ने उस पर 10 लाख का ईनाम भी घोषित कर रखा था । बता दें, कि भारत के मोस्ट वॉन्टेड और खालिस्तानी आतंकी निज्जर की 18 जून को कनाडा के एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।