राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य सेन ने मौजूदा ऑल इंग्लैंड चैंपियन चीन के ली शी फेंग को हराकर कनाडा ओपन 2023 में मेंस सिंगल्स का खिताब अपने नाम कर लिया है। वर्ष 2021 विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने रविवार (10 जुलाई 2023) को वर्ल्ड नंबर-10 खिलाड़ी शी फेंग को सीधे सेटों में हराकर गेम में शिकस्त दी। लक्ष्य ने मैच 21-18, 22-20 से अपने नाम किया।
कनाडा ओपन 2023 में मेन्स सिंगल्स के खिताबी मुकाबले में चीन के ली शी फेंग को हराकर टाइटल जीतने वाले लक्ष्य दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी है। इससे पहले साल 2016 में बी. साई प्रणीत ने यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीता था।
Sometimes, the hardest battles lead to the sweetest victories. The wait is over, and I am delighted to be crowned the Canada Open winner! Grateful beyond words 🎉🏆 #SenMode #BWFWorldTour#CanadaOpen2023 pic.twitter.com/u8b7YzPX01
— Lakshya Sen (@lakshya_sen) July 10, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर लक्ष्य सेन को शुभकामनाएं देते हुए अपने ट्विटर संदेश में लिखा, “कनाडा ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता 2023 में पुरुष एकल का खिताब अपने नाम करने पर देवभूमि उत्तराखण्ड के सपूत श्री लक्ष्य सेन जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, आपकी इस उपलब्धि से पूरा देश गौरवान्वित है। उज्ज्वल भविष्य हेतु अनंत शुभकामनाएं !”
कनाडा ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता 2023 में पुरुष एकल का खिताब अपने नाम करने पर देवभूमि उत्तराखण्ड के सपूत श्री @lakshya_sen जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, आपकी इस उपलब्धि से पूरा देश गौरवान्वित है।
उज्ज्वल भविष्य हेतु अनंत शुभकामनाएं !#CanadaOpen2023#CanadaOpenSuper500… pic.twitter.com/YqShBcB4l8
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 10, 2023
कनाडा ओपन 2023 में मेंस सिंगल्स का खिताबी मुकाबला जीतने के बाद लक्ष्य सेन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘‘ओलंपिक क्वालीफिकेशन वर्ष में मुश्किल हो रही थी, क्योंकि चीजें मेरे पक्ष में नहीं जा रही थी, इसलिए यह मेरे लिए अच्छे टूर्नामेंट में से एक रहा और इस तरह का फाइनल खेलना मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ वापसी में से एक है।’’
उल्लेखनीय है, कि वर्ष 2022 में शानदार प्रदर्शन के बाद लक्ष्य सेन नाक की सर्जरी के प्रभावों से परेशान रहे और मौजूदा सत्र में प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने पिछले साल अगस्त में विश्व चैंपियनशिप के बाद नाक की सर्जरी कराई थी। सर्जरी से उबरने में लक्ष्य को तीन महीने की जरूरत थी, लेकिन उन्हें पूरी तरह से उबरने में आठ महीने का वक्त लग गया। इसका असर उनके खेल पर भी नजर आया।
2022 की अंतिम चार प्रतियोगिताओं के पहले दौर से लक्ष्य सेन बाहर हो गए थे। इसके साथ ही 2023 की शुरुआत में भी उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। उनकी विश्व रैंकिंग भी छह से घटकर 25 तक पहुंच गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी ट्रेनिंग अच्छी चल रही थी, लेकिन सर्जरी के बाद मैं बीमार पड़ रहा था और मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ठीक नहीं थी, मुझे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। मैं शत-प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर पाया।
बता दें, उत्तराखंड स्थित अल्मोड़ा के मूल निवासी लक्ष्य सेन को बैडमिंटन का खेल विरासत में मिला है। उनके दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है। लक्ष्य के पिता डीके सेन राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन खेल चुके है और वे राष्ट्रीय स्तर के कोच भी है। लक्ष्य सेन के भाई चिराग सेन भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करते है।
लक्ष्य सेन को बैडमिंटन की बेहतर ट्रेनिंग देने के लिए पिता डीके सेन अल्मोड़ा छोड़ बेंगलुरु में बस गए थे। बेंगलुरु में लक्ष्य सेन ने प्रकाश पादुकोण एकेडमी में प्रवेश लिया था। ट्रेनिंग के दौरान लक्ष्य की प्रतिभा को देखकर कोच प्रकाश पादुकोण भी कायल हो गए थे। सीनियर लेवल पर लक्ष्य सेन को सबसे बड़ी सफलता 2021 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मिली थी।