भारतीय भोजन में अक्सर लहसुन का प्रयोग किया जाता है। हालांकि लहसुन की प्रकृति तामसिक माने जाने के कारण कई जगह पर इसे निषेध भी किया गया है। आयुर्वेद में लहसुन के उपयोग को करामाती गुणों से भरपूर औषधि कहा गया है। लहसुन का सेवन शरीर को स्वस्थ रखने में बेहद कारगर है। प्रातः काल खाली पेट कच्चे लहसुन के सेवन से मानव शरीर को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है, कि सर्दियों के मौसम में लोग प्रायः सर्दी-जुकाम के प्रकोप से परेशान रहते हैं। लहसुन में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल औषधि तत्व पाए जाते हैं। लहसुन मानव शरीर को फ्लू की वजह से होने वाली बीमारियों से सुरक्षित रखने में सहायता करता है। लहसुन के रोजाना प्रयोग से शरीर को गर्मी मिलती है, जिस कारण सर्दियों में ठंड का अहसास कम होता है।
वहीं जिन लोगों को पेट में गैस की अत्यधिक शिकायत रहती है। उनके लिए भी लहसुन रामबाण दवा का कार्य करता है। लहसुन पेट के कीटाणुओं को मारने में भी सक्षम है। प्रातःकाल के समय खाली पेट लहसुन के सेवन का प्रयोग पानी के साथ करने से शरीर के पाचन तंत्र में सुधार होता है। पेट में होने वाली सूजन, गैस और ऐंठन से भी राहत मिलती है।
लहसुन पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान कर भोजन से अधिकतम पोषण प्राप्त करने में भी सहायता करता है। वर्त्तमान में जिस प्रकार वातावरण में प्रदूषण के स्तर में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। उससे बहुत से लोग फेफड़ो के कैंसर के शिकार बन रहे है। ऐसे में कच्चे लहसुन के प्रयोग से शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है और मानव शरीर कई गंभीर बीमारियों से बचा रहता है।
लहसुन में एलिसिन नामक तत्व पाया जाता हैं। जो पुरुषों के यौन अंगो में रक्त के संचार को बढ़ाता है, एवं पुरुषो के वीर्य को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। लहसुन में सेलेनियम नामक तत्व भी पाया जाता है, जो शुक्राणुओं की गतिशीलता को बढ़ाता है। लहसुन में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले तत्व पाए जाते हैं। शहद के साथ लहसुन का सेवन करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन नियंत्रित रहता है।
लहसुन में विटामिन-B और विटामिन-C पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ ही लहसुन में सेलेनियम, मैगनीज कैल्शियम जैसे गुणकारी तत्व भी पाए जाते हैं। प्रायः ताजा लहसुन का ही प्रयोग करना चाहिए। ध्यान रहे,जिन लोगों को लहसुन से एलर्जी है, उन्हें कच्चे लहसुन का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं एवं पेट में अल्सर की स्थिति में भी प्रतिदिन लहसुन के इस्तेमाल से बचना चाहिए।