केंद्र सरकार आने वाले समय में कत्ल, खुदखुशी, रेप, क्षत-विक्षत शव और अन्य संदिग्ध मामलों को छोड़कर उचित बुनियादी ढांचे वाले अस्पतालों में सूर्यास्त के पश्चात शवों का पोस्टमॉर्टम करने की मंजूरी प्रदान कर सकती है। इस मंजूरी का उद्देश्य पर्याप्त ढांचागत सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में सूर्यास्त के बाद भी अंगदान के लिए पोस्टमॉर्टम पर जोर देने का है।
जी न्यूज कि एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में एक सूत्र ने कहा है, कि हाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (Directorate General of Health Services) में एक तकनीकी समिति की एक बैठक में सूर्यास्त के बाद पोस्टमॉर्टम संबंधी मुद्दे की पड़ताल की गई।
तकनीकी समिति की बैठक के इस विषय पर चर्चा की गई, कि कुछ संस्थान पहले से ही रात्रि के वक्त पोस्टमॉर्टम कर रहे है। तकनीकी में तेजी से प्रगति और सुधार के मद्देनजर, विशेष रूप से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था और पोस्टमॉर्टम के लिए जरुरी बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के चलते अस्पतालों में रात्रि के समय अंत्य-परीक्षण (Postmortem) करना संभव है।
जी न्यूज की खबर के अनुसार, समिति की बैठक के दौरान उचित सुविधा और बेहतर बुनियादी ढांचे वाले अस्पतालों में पोस्टमॉर्टम करने की मंजूरी देने के पक्ष में रही है। इस प्रक्रिया को अनुमति देने से पूर्व अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं के साथ-साथ बुनियादी ढांचे की क्षमता और पर्याप्तता का आंकलन अस्पताल प्रभारी द्वारा निश्चित किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके, कि साक्ष्य मूल्य (Evidence) में कोई कमी नहीं है।
हालांकि कत्ल, आत्महत्या, रेप पीड़ित, क्षत-विक्षत शवों और अन्य संदिग्ध मामलों को तब तक रात के समय पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं रखा जाना चाहिए, जब तक की कानून व्यवस्था से जुड़ी कोई परिस्थिति ना हो। इसके अलावा किसी भी प्रकार के शक को दूर करने के लिए रात में किये जाने वाले पोस्टमॉर्टम के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की जाएगी और इस रिकॉर्डिंग को कानूनी प्रक्रिया के लिए भविष्य के संदर्भ के लिए संरक्षित रखा जायेगा।