
प्रतीकात्मक चित्र
भारत सरकार ने इंटरनेट सेवा उपलब्ध करने वाली कंपनियों को 67 पोर्नोग्राफिक वेबसाइट को ब्लॉक करने के निर्देश दिए है। गुरुवार (29 सितंबर 2022) को सामने आए चार गोपनीय पत्रों से यह बात सामने आई है, कि इसके लिए सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ देयता और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का हवाला दिया है।
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट कंपनियों को भेजे गए ईमेल में दूरसंचार विभाग (DoT) ने पुणे की एक अदालत के आदेश के आधार पर 63 वेबसाइटों और उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर चार वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए कहा है। यह आदेश इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा जारी किया गया।
दूरसंचार विभाग द्वारा 24 सितंबर 2022 को भेजे गए ईमेल में कहा गया है, “सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 3 (2)(B) के साथ-साथ न्यायालय (उत्तराखंड उच्च न्यायालय) के आदेश के अनुपालन के तहत कुछ अश्लील सामग्रियों वाली वेबसाइट/यूआरएल को हटाने (ब्लॉक) करने का आदेश दिया गया है, जो महिलाओं की मर्यादा एवं उनकी छवि को धूमिल करती हैं।”
Govt orders internet companies to block 67 pornographic websites following court orders and for violating new IT rules issued in 2021
— Press Trust of India (@PTI_News) September 29, 2022
रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा लागू आईटी अधिनियम 2021 आईटी कंपनियों को उनके द्वारा होस्ट, संग्रहीत या प्रकाशित ऐसी सामग्री हटाने या ब्लॉक करने के लिए कहता है, जिसमें पूर्ण या आंशिक नग्नता दिखाई जाती है, अथवा किसी व्यक्ति को यौन कृत्य या आचरण करते हुए दिखाया जाता है।
उल्लेखनीय है, कि साल 2018 में सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद लगभग 827 अश्लील वेबसाइटों पर बैन लगा दिया था। एक आदेश में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकार को 857 वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए कहा था। इसके जवाब में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने जानकारी दी थी, कि 30 पोर्टल पर कोई अश्लील सामग्री नहीं मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार द्वारा लगाए इस प्रतिबंध के बाद भारत में बैन पोर्न साइटों की संख्या लगभग 900 तक पहुँच गई है।