मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा वर्ष 2019 में श्राइन बोर्ड की तर्ज पर आधारित चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने के निर्णय को पलट दिया है।
उल्लेखनीय है, कि लगभग दो वर्ष पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के भारी विरोध प्रदर्शन और विपक्षी पार्टियों के देवस्थानम बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था।
आगामी चुनावो के मद्देनजर सीएम धामी ने बड़ा निर्णय लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा करने के साथ ही विपक्ष के हाथो से एक मुद्दा झटक लिया है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में कहा, कि त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में बने देवास्थानम बोर्ड को भंग कर दिया गया है।
@pushkardhami सरकार द्वारा #देवस्थानम_बोर्ड भंग करने पर तीर्थ पुरोहितों ने गंगा में दुग्धाभिषेक किया। सभी तीर्थ पुरोहितों को हार्दिक शुभकामनाएं।
आपको बहुत बहुत साधुवाद व आशीर्वाद। pic.twitter.com/pvrUqdlbkX— उज्ज्वल पंडित (@ujjwalpanditbjp) November 30, 2021
उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय पर चारधाम हकहकूधारी तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष के के कोठियाल ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, कि देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने के लिए विगत दो वर्षो से संघर्ष किया जा रहा था।
वरिष्ठ नेता मनोहरकांत ध्यानी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए सीएम धामी द्वारा धर्मस्व मंत्री सतपालमहाराज की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन किया गया था।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने इस मौके पर कहा, कि तीर्थ पुरोहितों और पुजारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया। वही सब कमेटी के सदस्य कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा, कि सरकार चारधाम हकहकूधारी तीर्थ पुरोहितों को निराश नहीं करेगी।
दरअसल वर्ष 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्राइन बोर्ड की तर्ज पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का निर्णय लिया था। चारधाम हकहकूधारी तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद त्रिवेंद्र सरकार ने सदन से विधेयक को पारित कराकर अधिनियम बना दिया।
इसके बाद चारो धामों के तीर्थ पुरोहित आंदोलन पर उतर आए, लेकिन फिर भी त्रिवेंद्र सरकार अपने निर्णय पर अडिग रही। चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन के पीछे सरकार का तर्क था, कि उत्तराखंड के मुख्य धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) समेत 51 मंदिर बोर्ड के तहत आने से धार्मिक यात्रियों की सुविधाओं के लिए विकास होगा।
उत्तराखंड राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सीमित अवधि के लिए सीएम बने तीरथ सिंह रावत ने भी देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लिए जाने की बात कही थी, लेकिन फिर औचक नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन के मद्देनजर उच्च स्तरीय कमेटी के गठन का ऐलान किया था।