चीन में तैयार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म इनदिनों सुर्खिया में है। अमेरिकी टेक कंपनियों को ये चाइनीज AI DeepSeek चुनौती दे रहा है। हालांकि, अमेरिका के टेक विशेषज्ञों का कहना है, चीन का यह नया AI टूल खतरे की घंटी है। बता दें, कि अभी ओपनएआई का ChatGPT बाजार में एकमात्र विकल्प था, लेकिन DeepSeek-R1 के आने के बाद अनुमान जताया जा रहा है, कि जल्द ही यह चाइनीज AI टूल चैटजीपीटी की बादशाहत को खत्म कर देगा।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है, चीन का AI मॉडल DeepSeek R1 महज हफ्ते भर के अंदर इतना पॉपुलर हो गया है, कि इसने ChatGPT को भी पीछे छोड़ दिया है। फिलहाल कंपनी ने नए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए हैं और ये कई जगहों पर काम भी करना बंद कर चुका है। बता दें, कि चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी डीपसीक की स्थापना दक्षिण-पूर्वी चीन के हांग्जो शहर में हुई है।
सेंसर टॉवर के अनुसार, कंपनी को जुलाई 2023 में लॉन्च किया गया था, लेकिन इसका लोकप्रिय AI असिस्टेंट ऐप 10 जनवरी तक अमेरिका में जारी नहीं किया गया था। गौरतलब है, कि ChatGPT के ज्यादातर फीचर्स पेड हैं, लेकिन DeepSeek पूरी तरह से फ्री है। इसके अलावा DeepSeek एक ओपन सोर्स है और कोई भी इसे लेकर कस्टम Chatbot तैयार कर कर सकता है और इसके लिए कोई भुगतान भी नहीं करना पड़ेगा।
DeepSeek ने हाल ही में अपना एप और चैटबॉट लॉन्च किया है और यह दुनियाभर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। DeepSeek AI के पॉपुलर होने के साथ ही इस पर विवाद भी छिड़ गया है। जहाँ अन्य AI मॉडल उन सभी सवालो का जवाब देते हैं, जिनके विषय में जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है, तो वहीं DeepSeek कुछ विशेष मुद्दों के विषयों में जानकारी नहीं देता या फिर जवाब देकर गायब कर देता है।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है, कि चीन ने अपने एआई मॉडल ‘डीपसीक’ को केवल 5.6 मिलियन डॉलर की लागत से विकसित कर पूरे अमेरिका के टेक विशेषज्ञों को अचंभित कर दिया है। अमेरिकन एआई मॉडल के विपरीत, डीपसीक, हाई-लेवल हार्डवेयर के बिना, ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है।