हाल ही में संसद के विशेष सत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर यह दावा किया जा रहा है, कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया है। गौरतलब है, कि इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गाँधी भी दानिश अली से मिलने उनके निवास स्थान पर पहुँचे थे। हालाँकि, अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा स्पीकर को भेजे पत्र में जानकारी दी गई है, कि जब लोकसभा में दानिश अली की रमेश बिधूड़ी को भड़काने की सभी चालें बेकार हो गईं, तो उन्होंने पीएम मोदी को गाली दी, जिसके चलते बिधूड़ी अपने आपे से बाहर हो गए।
उल्लेखनीय है, है कि इस मामले को तूल देकर विपक्ष मोदी सरकार और भाजपा संगठन पर जुबानी हमले कर रहा है। इसके साथ ही विपक्ष सांसद पर सख्त कार्रवाई करने की माँग भी कर रहा है। हालांकि अब सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लिखे पत्र से इस मामले की परते खुलने के साथ ही सब कुछ स्पष्ट होता हुआ नजर आ रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में जानकारी दी गई है, कि BSP सांसद दानिश अली ने पीएम मोदी के लिए कहा था, “नीच को नीच नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।” हालाँकि, सांसद दुबे ने बीजेपी सांसद बिधूड़ी का बचाव नहीं किया है। उन्होंने अपने पत्र में बीजेपी सांसद बिधूड़ी की बीएसपी एमपी अली के विरुद्ध की गई टिप्पणी की निंदा भी की है।
निशिकांत दुबे ने पत्र लिखकर बताया, “रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली को बेहद आपत्तिजनक शब्द कहे हैं, जिसकी मैं एक जिम्मेदार जन प्रतिनिधि के तौर पर निंदा करता हूँ, लेकिन यदि सांसद बिधूड़ी ने गलत काम किया है, तो मेरे मानना है कि दानिश अली सहित अन्य माननीय सदस्यों ने भी समुदाय के बीच शत्रुता फैलाने का काम किया है।”
"Neech ko Neech nahi kahenge to kya kahenge"- BSP MP Danish Ali abused PM Modi when all tricks to disturb #RameshBidhuri failed, leading to Bidhuri loosing cool- Big disclosure by BJP's Nishikant dubey, while condemning BJP MP Ramesh Bidhuri's offensive remarks against BSP MP… pic.twitter.com/6xjGgASNiN
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 23, 2023
सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में कहा, कि सांसद दानिश अली बिधूड़ी के भाषण के दौरान लगातार ‘रनिंग कमेंट्री’ कर रहे थे और उन्हें भड़काने के उद्देश्य से बेहद परेशान कर रहे थे। उन्होंने दावा किया है, कि बिधूड़ी के भाषण के दौरान बीएसपी सांसद दानिश अली खुद पीएम मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी कर रहे थे।
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में इस बात का उल्लेख भी किया है, कि संसद में कार्यवाही के दौरान टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने कहा था, कि राम और पुष्पक विमान का कोई अस्तित्व नहीं है, ये झूठी कहानी है। उन्होंने आगे लिखा, कि डीएमके ने कहा, कि हम द्रविड़ हैं और आप लोग आर्य हो, तुम सेतुसमुद्रम प्रोजेक्ट को रोक कर अंधविश्वास फैला रहे हैं। ये भी कहा गया था, कि कोई भगवान नहीं है, हिंदू कोई धर्म नहीं है।
इन दो बयानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने पत्र में लिखा, कि इससे स्पष्ट है 21 सितंबर, 2023 को लोकसभा में केवल रमेश बिधुड़ी द्वारा ही अनुचित व्यवहार नहीं किया, बल्कि दानिश अली भी इसमें बराबर का सहभागी है। सांसद दुबे ने आगे लिखा है, कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम मोदी को लेकर बेहद निंदनीय और क्षमा न किए जाने वाले शब्दों का उपयोग किया है। इसके साथ ही लोकसभा के अन्य सदस्यों ने भी दूसरे समुदाय के पोषित विश्वास को लेकर गैर-जरुरी और अरुचिकर टिप्पणियाँ की।
निशिकांत दुबे ने बताया, कि रमेश बिधूड़ी के बयान के बाद तत्काल देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा सदन में अपनी ही पार्टी के सांसद की टिप्पणी पर खेद जताया था। उसके बाद स्थिति सामान्य हो गई थी। अब ये विवाद एक सोची समझी रणनीति के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा, कि विपक्ष की मांग पर रमेश बिधूड़ी के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के तहत एक पक्षीय कार्रवाई किया जाना न्याय संगत नहीं होगा।
उन्होंने कहा, दानिश अली सहित अन्य सांसदों ने भी समुदाय के बीच शत्रुता फैलाने का प्रयास किया है, इसलिए एक जांच समिति का गठन कर इन सभी के बयानों और व्यवहार की जांच भी होनी चाहिए। वहीं भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी निशिकांत दुबे के आरोपों को दोहराते हुए कहा है, कि इस घटना के बाद राहुल गांधी का दानिश अली के घर जाकर उन्हें गले लगाने से साबित हो जाता है, कि पीएम को गाली देने वालों को गांधी परिवार सर आंखों पर बैठता है।