मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को घाट विकासखंड मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जोशीमठ का नाम बलदकर ज्योतिर्मठ किये जाने की घोषणा की। सीएम धामी ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा, कि जोशीमठ चारो धामों का मुख्य पड़ाव है, और इस पौराणिक स्थान को प्राचीन काल में ज्योतिर्मठ के नाम से पुकारा जाता था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीते शनिवार विजय संकल्प यात्रा के अंतर्गत दोपहर लगभग 12 बजे अस्थायी हेलीपेड कुरुड़ पहुंचे। मां नंदा सिद्धपीठ कुरुड़ में पूजा के बाद मुख्यमंत्री नंदानगर विकासखंड घाट पहुंचे। इस दौरान सीएम धामी ने घाट-नंदप्रयाग सड़क समेत विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
नंदानगर विकासखंड घाट में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि भाजपा की डबल इंजन सरकार प्रत्येक दिन जनता के हितो से जुड़े 50 से अधिक फैसले ले रही है। उन्होंने बताया, कि शुक्रवार को संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने जनहित से जुड़े सात महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस दौरान सीएम ने घाट-नंदप्रयाग सड़क को लेकर चले आंदोलन के दौरान लोगों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लेने का ऐलान किया।
नंदानगर (चमोली) की देवतुल्य जनता एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं का हार्दिक आभार।@narendramodi @JPNadda @AmitShah @rajnathsingh @blsanthosh @JoshiPralhad @BJP4UK @BJP4India pic.twitter.com/kTWlhVHwAH
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 25, 2021
जानकारी के लिए बात दें, जोशीमठ (ज्योतिर्मठ) देवभूमि उत्तराखंड राज्य के चमोली जनपद में स्थित एक नगर है। इस स्थान पर हिन्दुओं का प्रसिद्ध ज्योतिष पीठ स्थित है। यह स्थान सातवीं सदी में महान जगद्गुरु आदि शंकराचार्य का स्थान और बद्रीनाथ मंदिर तथा देश के विभिन्न कोनों में तीन और मठों की स्थापना से पूर्व इसी स्थान पर प्रथम मठ की स्थापना हुई थी।
उल्लेखनीय है, कि वर्ष 2016 के जून माह में द्वारिका व ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा जोशीमठ का नाम ज्योतिर्मठ करने की मांग की थी। हालाँकि उस वक्त स्थानीय जनता ने जोशीमठ का नाम परिवर्तित किये जाने की मांग पर आपत्ति दर्ज की थी।