जोशीमठ शहर के आपदाग्रस्त क्षेत्र में चल रहे राहत कार्यो के संबंध में गुरुवार (19 जनवरी 2023) को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए सीएम धामी ने निर्देश दिए है, कि जोशीमठ में भू-धंसाव के कारणों को लेकर सभी तकनीकी संस्थानों एवं वैज्ञानिकों की रिपोर्ट आते ही आगे की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिए जाएं एवं इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द शासन को रिपोर्ट भेजी जाए। जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनके लिए सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जायेंगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि विस्थापन के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिए जाएं एवं इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द शासन को रिपोर्ट भेजी जाए। जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्र से जिन लोगों को विस्थापित किया जायेगा, उनके लिए सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाएं की जायेंगी। pic.twitter.com/eqXsUTXTMk
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 19, 2023
सीएम धामी ने कहा, कि आपदाग्रस्त जोशीमठ में भूधंसाव के कारणों की जड़ तक पहुंचने के लिए चल रहे जाँच कार्य पर सरकार लगातार नजर बनाये हुए है। जोशीमठ राष्ट्रीय प्राथमिकता का विषय है, इसलिए सभी जांच कार्य को समयबद्ध तरीके पूर्ण करे। केंद्रीय संस्थानों से आग्रह किया गया है, कि जांच रिपोर्ट में स्पष्ठता हो और इसमें समस्या के समाधान के उपाय भी सुझाएं जाये।
उल्लेखनीय है, कि आपदाग्रस्त जोशीमठ में अब तक 181 भवन असुरक्षित घोषित किये जा चुके है। सर्वेक्षण टीम द्वारा लाल निशान लगे भवनों में रहना खतरे से खाली नहीं है, इस बात का अहसास अब उनके भवन स्वामियों को भी हो गया है। इस परिदृश्य के बीच अब सरकार के सामने आपदा प्रभावितो के पुनर्वास की चुनौती बढ़ गई है, वैसे भी पर्वतीय राज्य की आर्थिक स्थिति किसी छुपी हुई नहीं है।
वर्तमान में आध्यात्मिक नगरी जोशीमठ भूधंसाव की आपदा से कराह रही है। सीमांत चमोली जनपद का जोशीमठ शहर सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से चीन सीमा पर स्थित नीति घाटी के अंतिम गांव नीति की दूरी 76 किमी है। इसी तरह माणा घाटी का अंतिम गांव माणा जोशीमठ से 47 किमी की दूरी पर स्थित है।